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महिलाओं में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है यह कैंसर, जानिए इसके लक्षण से लेकर बचाव तक

भारत सहित दुनिया के कई देशों में कैंसर के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। कैंसर कई प्रकार के हो सकते हैं और ज्यादातर गंभीर और जानलेवा स्थितियों का कारण बनते हैं। यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर के कारण हो जाती है। सर्वाइकल कैंसर ऐसा ही एक गंभीर कैंसर है जो महिलाओं में होता है। गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं या जिसे आमतौर पर गर्भाशय के मुंह के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, इसके मामले पिछले कुछ वर्षों में भारत में भी तेजी से बढ़े हैं।

ग्लोबोकैन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर के 604,100 नए मामलों का पता चला और 341,831 लोगों की इस साल इस कैंसर के कारण मौत हो गई।

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम को लेकर गुरुवार 1 सितंबर को भारत में पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वैक्सीन के माध्मय से आने वाले वर्षों में कैंसर के इस गंभीर खतरे और मृत्युदर को काफी हद तक कम करने में सफलता मिल सकती है। सर्वाइकल कैंसर, मुख्यरूप से ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के विभिन्न वैरिएंट्स के कारण होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कैंसर के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को इससे बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। आइए कैंसर के इस खतरे और इसके लक्षणों से लेकर बचाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सर्वाइकल कैंसर और इसके लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, भारतीय महिलाओं में होने वाले तमाम प्रकार के कैंसर में से 6-29% मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं। समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाकर और एचपीवी संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। वैसे तो इस कैंसर की शुरुआती स्थिति में लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, हालांकि इसके बढ़ने के साथ कई तरह की समस्याओं का अनुभव हो सकता है।

  • पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग
  • संभोग के बाद खून बहना।
  • रजोनिवृत्ति के बाद भी होने वाली ब्लीडिंग।
  • तेज गंध के साथ योनि से स्राव होना।
  • पेडू में दर्द बना रहना।

सर्वाइकल कैंसर के क्या कारण हैं?

सर्वाइकल कैंसर के मामले मुख्यरूप से एचपीवी वायरस के संक्रमण के कारण होते हैं। यह एक यौन संचारित वायरस है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई यौन साथी होने से इस प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी आपमें इस कैंसर के जोखिम को बढ़ा देती है।

यदि आप इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का अधिक सेवन करती हैं, धूम्रपान करती हैं तो भी इसका जोखिम हो सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि अधिकांश लोगों के जीवन में कभी न कभी एचपीवी का संक्रमण होता है पर उन्हें इसका एहसास नहीं होता क्योंकि उनका शरीर, संक्रमण से मुकाबला करके उसे खत्म कर देता है।

सर्वाइकल कैंसर का निदान और इलाज

स्क्रीनिंग टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर और कोशिकाओं के बढ़ने का पता लगाने में मदद मिलती है। इसके अलावा लक्षणों के आधार पर पुष्टि करने के लिए डॉक्टर एचपीवी डीएनए टेस्ट कराने की भी सलाह दे सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर की अवस्था, अन्य स्वास्थ्य समस्याएं आदि। इसके अधार पर सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसी तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?

डॉक्टर्स कहते हैं, सर्वाइकल कैंसर एक बड़ा खतरा है इससे सुरक्षित रहने के लिए सभी महिलाओं को बचाव के तरीकों के बारे में जानना आवश्यक है। एचपीवी वैक्सीन, आपमें इस कैंसर के खतरे को कम कर देती है, देश में जल्द ही स्वदेशी वैक्सीन भी उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा संभोग के दौरान हाइजीन और सुरक्षात्मक उपायों का विशेष ध्यान रखें। यदि आप धूम्रपान करती हैं तो इसे बंद कर दें, इससे सर्वाइकल कैंसर के साथ कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है। 

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