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Karnataka Election Results 2023: रिजल्ट के बीच मंदिर पहुंचीं प्रियंका गांधी, नवाया शीश

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू होने के कुछ देरबाद आज सुबह कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जाखू स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर पहुंचीं। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर कमेटी ने उन्हें हनुमान जी का चित्र भेंट किया।

कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) इस समय शिमला पहुंची हैं। वह अपने निजी आवास छराबड़ा में रुकी हुई हैं। शुक्रवार शाम उनकी मां और कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शिमला पहुंची थी। यह पहली बार है, जब अपने निजी दौरे पर प्रियंका गांधी घर से बाहर निकल कर कहीं दर्शन करने के लिए पहुंची हैं। इससे पहले जब भी प्रियंका गांधी और उनके परिवार के सदस्य शिमला आता है, तो वह किसी अन्य स्थान पर नहीं जाते।

शिमला के जाखू में स्थित भगवान हनुमान की विश्व भर में मान्यता है। यहां लोग दूर-दूर से अपनी मनोकामना पूरी करवाने के लिए दर्शन को पहुंचते हैं. भगवान हनुमान का इस्तेमाल इस बार जमकर कर्नाटक चुनाव में भी हुआ। शिमला के जाखू मंदिर के भगवान हनुमान कर्नाटक की राजनीति में छाए हुए नजर आए। नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सभी पार्षद शीश नवाने के लिए भगवान हनुमान के दरबार में पहुंचे थे। इसके बाद यह तस्वीर कांग्रेस के आला नेताओं की ओर से ट्वीट भी की गई। इस तस्वीर के जरिए भारतीय जनता पार्टी के उस आरोप का जवाब देने की कोशिश की गई, जहां बजरंग दल बनाम बजरंगबली की लड़ाई में कांग्रेस को पीछे धकेलने की कोशिश की जा रही थी।

संजीवनी बूटी लाने के वक्त यहां रुके थे भगवान हनुमान
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बना भगवान हनुमान का मंदिर बेहद ऐतिहासिक होने के साथ भक्तों की आस्था का प्रतीक है। शिमला में करीब 8 हजार 048 फीट की ऊंचाई पर विश्व प्रसिद्ध जाखू मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है. भगवान हनुमान के दर्शन करने के लिए न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में राम-रावण युद्ध के दौरान जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए, तो सुखसेन वैद ने भगवान राम को संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा इसके लिए भगवान राम ने अपने अनन्य भक्त हनुमान को चुना. अपने प्रभु भगवान श्री राम के आदेशों पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत की ओर उड़ चले।

इसी स्थान पर प्रकट हुई भगवान हनुमान की स्वयंभू मूर्ति
हिमालय की ओर जाते हुए भगवान हनुमान की नजर राम नाम जपते हुए ऋषि यक्ष पर पड़ी। इस पर हनुमान यहां रुककर ऋषि यक्ष के साथ भेंट की और आराम किया. भगवान हनुमान ने वापस लौटते हुए ऋषि यक्ष से भेंट करने का वादा किया, लेकिन वापस लौटते समय भगवान हनुमान को देरी हो गई। समय के अभाव में भगवान हनुमान छोटे मार्ग से चले गए। ऋषि यक्ष भगवान हनुमान के न आने से व्याकुल हो उठे। ऋषि यक्ष के व्याकुल होने से भगवान हनुमान इस स्थान पर स्वयंभू मूर्ति के रूप में प्रकट हुए।

भगवान हनुमान की चरण पादुका भी है मौजूद
इस मंदिर में आज भी भगवान हनुमान की स्वयंभू मूर्ति और उनकी चरण पादुका मौजूद है। माना जाता है कि भगवान हनुमान की स्वयंभू मूर्ति प्रकट होने के बाद यक्ष ऋषि ने यहां मंदिर का निर्माण करवाया। ऋषि यक्ष से याकू और याकू से नाम जाखू पड़ा. दुनियाभर में आज इस मंदिर को जाखू मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मंदिर में स्थापित है 108 फीट ऊंची मूर्ति
साल 2010 ने इस मंदिर में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति भी स्थापित की गई, जो शिमला में प्रवेश करने पर दूर से ही नजर आ जाती है भगवान हनुमान के भक्त रोजाना उनके दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं। कहा जाता है कि भगवान हनुमान अपने सच्चे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं ।

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