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उत्तराखंड फुटबाल के रियल हीरो विरेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2022 मे पायी बड़ी उपलब्धियां

उत्तराखंड का राज्य खेल फुटबाल है ये समस्त उत्तराखंड के हर खिलाडी को पता की नहीं ये कहना बहुत मुश्किल है कियुकी कही भी सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को जागरूक नहीं किया जाता ना ही हमारे राज्यों के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के सेलेब्स मे नहीं है

राज्य के खेलो के विकास के लिए अगर देखे तो एक ही शख्स विगत 22 वर्षो से संघर्ष भी कर रहा है और अकेले अपने दम पर राज्य खेल फुटबाल के विकास के लिए रात दिन लगा हुवा है 53 साल की उम्र मे भी 16 साल की उम्र के युवा जैसा जोश रहता है,उत्तराखंड के खिलाड़ियों, कोचों और रेफरियो के उचित भविष्य बनाने मे 22 वर्षो से लगा हुवा है बिना सरकार के सहयोग और बिना किसी स्पोंसर के, आज उसने कई खिलाड़ियों कोचों और रेफरियो को जिला स्तर,स्टेट स्तर, नेशनल और इंटरनेशनल स्तर तक पंहुचा रहा है निश्वार्थ भाव से हजारों खिलाड़ियों को सरकारी और गैर सरकारी विभाग मे उचित मुकाम दिया है बड़े बड़े टूर्नामेंट कराए जिसमे उत्तराखंड सुपर लीग, आल इंडिया गढ़वाल कप, आल इंडिया चैलेंज कप, आल इंडिया दून कप, आल इंडिया उत्तराखंड आंदोलनकारी शहीद मेमोरियल, समर केम्प, विंटर केम्प आदि फुटबाल प्रतियोगिता कराते हुवे आ रहे है रावत को आज तक लगभग 58 तक इंटरनेशनल, नेशनल और स्टेट अवार्ड मिल चुके है भारत वर्ष के विभिन्न राज्यों से
रावत अकेला वो शख्स है जिसने ज़ब भी खिलाडी, कोच और रेफरी के साथ शोषण हुवा अहिंसा वादी की तरह आंदोलन किया, अनशन किया, धरना प्रदर्शन किया लेकिन कोई भी सरकार आयी किसी ने कोई सुध नहीं ली,2021 मे थोड़ा सरकार जागी जिसमे रावत के 32 सुझाव सरकार ने स्वीकार किए उसके बाद खेल नीति 2022 मे लागू की लेकिन कब धरातल मे उतरेगी इसका कुछ पता नहीं, कियुकी खिलाडी, कोच रेफरी 22 वर्षो से पलायन करने को मजबूर, नौकरी ना मिलने से नशे मे बर्बाद, आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है, खिलाडी अन्य राज्य से रजिस्टर होकर खेल रहा है सरकार उसको प्रोत्साहित कर रही है जबकि वो अन्य राज्यों से रजिस्टर है दुःख होता है की कब तक रावत जो 22 वर्षो से समय समय पर लिखित मे सुझाव देते रहे है
उम्मीद और आशा है की सरकार 2023 मे जागेगी, खेल महाकुंभ कई वर्षो से हो रहा केवल पुरस्कार राशि, सर्टिफिकेट और मैडल देने से खिलाड़ियों का भविष्य नहीं बनेगा अपितु उनके भविष्य के लिए उनको अच्छी कोचिंग देना रहना खाना शिक्षा फ्री देने की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे वो अपने राज्य से नेशनल और इंटरनेशनल लेवल खेलकर राज्य का नाम रोशन करे, रावत ने राज्य खेल फुटबाल के विकास के लिए वर्ष 2011 मे देहरादून के प्रसिद्ध स्कूल दून स्कूल से एकाउंटेंट की नौकरी छोड़ी, कर्ज लिया, जमीन बेची, जेल गया ढाई साल केश लड़ने के बाद क्लीन चिट मिली, कई बार घायल हुवा, शोषण सहा तब जाकर ये मुकाम पाया
रावत ने वर्ष 2022 मे कई बड़े बड़े टूर्नामेंट मे टेक्निकल एडवाइजर/ चीफ रेफरी / मैच कमिश्नर बनकर जिसमे आल इंडिया सेलाकुई फुटबाल चैंपियनशिप देहरादून , आल इंडिया तिबतन फुटबाल टूर्नामेंट देहरादून , आल इंडिया प्राइज मनी फुटबाल टूर्नामेंट बागेश्वर, 55वॉ आई आई टी स्पोर्ट्स मीट ( फुटबाल ) टूर्नामेंट, सी बी एस ई नेशनल क्लस्टर फुटबाल टूर्नामेंट और खुद चैलेंज कप और दून कप स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन किया, समर केम्प का आयोजन किया, खेलो मास्टर्स गेम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता दिल्ली मे 40 प्लस मे ब्रोज और 50प्लस मे गोल्ड मैडल जीता उत्तराखंड के इतिहास मे पहली बार जिसके कारण उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी के द्वारा सम्मानित किया गया, इंडियन फुटबाल टीम मे रावत की शिष्य अंजना थापा का सिलेक्शन हुवा, कई खिलाड़ियों को सरकारी और गैर सरकारी विभाग मे नौकरी मिली, देहरादून फुटबाल लीग, 50 प्लस मे स्टेट फुटबाल टूर्नामेंट मे गोल्ड और सिल्वर मैडल जीता, रावत को अवार्ड भी प्राप्त हुवे जिसमे उत्तराखंड अचीवर अवार्ड इन स्पोर्ट्स, इंडियन रियल सुपर हीरो अवार्ड, इंडियन आईरन मेन अवार्ड, देवभूमि पत्रकार अवार्ड, ऑल इंडिया हिमालयन कप आदि पुरस्कारो से सम्मानित किया, 2022 मे रावत ने उत्तराखंड क्रांति दल से विधायक का चुनाव भी चोबट्टाखाल विधानसभा से लड़ा जिसमे रावत को तीसरा स्थान मिला
रावत हमेशा कहता है की असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो ज़ब तक ना सफल हो नींद चेन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती

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