उत्तराखंड: आयुर्वेद डॉक्टरों का होगा ऑनलाइन पंजीकरण, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
देहरादून : पिछले कुछ समय से आयुर्वेद डॉक्टरों के फर्जी पंजीकरण के कई मामले सामने आ रहे थे जिसके बाद से ही भारतीय चिकित्सा परिषद ने आयुर्वेद डॉक्टरों का ऑनलाइन पंजीकरण करने का तरीका निकाला। अभी तक पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन की जाती है। ऑफलाइन में फर्जी आयुर्वेद डॉक्टरों के पंजीकरण का मामला सामने आने बाद परिषद ने ऑनलाइन पंजीकरण कराने का निर्णय लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि पंजीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से फर्जीवाड़े में रोक लगेगी।
आयुर्वेद डॉक्टरों का ऑनलाइन पंजीकरण के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद ने एक निजी फर्म के माध्यम से पोर्टल तैयार कर लिया है। पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह द्वारा किया जाएगा अभी परिषद को सीएम धामी से समय मिलने का इंतजार है।
भारतीय चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं ने बताया कि परिषद के माध्यम से बीएएमएस, बीएचएमएस कोर्स करने वाले डॉक्टरों का अस्थायी तौर पर इंटर्नशिप के लिए पंजीकरण किया जाता है। इंटर्नशिप पूरी करने के बाद डॉक्टरों का स्थायी पंजीकरण होता है।
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से डॉक्टरों व इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टरों को आवेदन करना होगा। पंजीकरण के लिए डिग्री, डिप्लोमा, बीएएमएस, बीएचएमएस कोर्स कराने वाले कॉलेज का नाम, उत्तीर्ण वर्ष, इंटर्नशिप कराने वाले संस्थान का नाम समेत अन्य जानकारी देनी होगी। भारतीय चिकित्सा परिषद की ओर से इन दस्तावेजों का सत्यापन करने पर पंजीकरण किया जाएगा।