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यूसीसी ड्राफ्ट: विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट

– छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद

– 3 फरवरी को कैबिनेट में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मिलेगी मंजूरी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (सेनि) रंजना प्रकाश देसाई और उनकी टीम ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने के लिए मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन पहुंची, जहां उन्होंने सीएम धामी को रिपोर्ट सौंपी। कल कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट के विधेयक के रूप में विधानसभा से पारित होकर राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश में सबसे पहले यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।

2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। इस दौरान समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए। विशेषज्ञ समिति ने उप समिति बनाकर उन्हें समाज के विशिष्ट लोगों, समाजसेवियों, धार्मिक नेताओं, संतों और जागरूक नागरिकों के साथ चर्चा की और सुझाव लिए। . समिति ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और वहां खुली बैठकों में लोगों से सुझाव लिए। समिति को करीब ढाई लाख सुझाव प्राप्त हुए। करीब तीस अलग-अलग बैठकों में उसे कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। समिति ने केंद्रीय विधि आयोग के साथ भी यूसीसी पर चर्चा की।

तीन फरवरी को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार यूसीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट पर चर्चा करेगी और विधेयक को मंजूरी देगी। इसके बाद पांच फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान यूसीसी विधेयक को सदन पटल पर रखा जाएगा। छह फरवरी को इसे सदन में लाए जाने की संभावना है। सदन से पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बन जाएगा। सियासी गलियारों में इसे राष्ट्रपति को भेजे जाने को लेकर भी चर्चाएं गरम हैं। चूंकि देश में उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य होगा जहां यूसीसी सबसे पहले लागू किया जाएगा और इसमें के केंद्रीय विषयों का यदि समावेश होगा तो परीक्षण के लिए राष्ट्रपति को भेजा जा सकता है।

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