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टैटू: कहीं फैशन का चक्कर हो न जाए जानलेवा? ब्लड इंफेक्शन से लेकर कैंसर तक का हो सकता है खतरा

शरीर पर टैटू बनवाने का चलन बहुत पुराना है। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसकी शुरुआत 1800 के दशक के मध्य के आसपास की हो सकती है। धीरे-धीरे यह फैशन दुनियाभर पर छाने लगा। विशेषकर पश्चिमी देशों में इसे आवश्यक फैशन का एक हिस्सा माना जाता है, जिसमें लोग शरीर के अधिकतर हिस्से को टैटू के इंक से रंगा लेते हैं। भारत में भी पिछले कुछ वर्षों में यह फैशन तेजी से बढ़ने लगा है। पर क्या आप जानते हैं कि टैटू को लेकर बरती गई जरा सी भी असावधानी जानलेवा समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है। कुछ लोगों का शरीर टैटू के योग्य नहीं होता है ऐसे में टैटू कराने से पहले इसके जोखिमों के बारे में जान लेना बहुत आवश्यक हो जाता है।

हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में करीब 3-4 लोगों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है, हाल ही में इन लोगों ने टैटू बनवाया था। मेडिकल रिपोर्टस से पता चला है कि जिस सुई का इस्तेमाल करके टैटू किया गया था वह संक्रमित थी, इसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एचआईवी संक्रमण का मामला सुई को लेकर बरती गई असावधानी के कारण हुआ है, पर टैटू के कारण भी कुछ गंभीर समस्याओं का जोखिम हो सकता है। 

आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

टैटू किस प्रकार से हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है इसे समझने के लिए हमने दिल्ली स्थित त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ मयूरी गुप्ता से संपर्क किया। डॉ मयूरी बताती हैं, अब वैसे तो प्रोफेशनल्स ही टैटू बनाते हैं और वह सभी आवश्यक सावधानियों का भी ध्यान रखते हैं। पर यदि आपको त्वचा या रक्त से संबंधित कोई विकार है तो टैटू बनवाने का विचार त्याग दीजिए। जहां तक बात इससे होने वाले एचआईवी संक्रमण की है तो इसके लिए टैटू करने वाले और बनवाने वाले दोनों को सावधानी बरतनी चाहिए। फेरी वाले लोग सुई और अस्वच्छता जैसी गलतियां अधिक करते हैं। आपका शरीर टैटू के लिए योग्य है या नहीं यह जानना भी आवश्यक है। वरना टैटू कई प्रकार के संक्रमण का भी कारण बन सकता है।

क्या टैटू से त्वचा का कैंसर होता है?

यह एक ऐसा प्रश्न रहा है जो अक्सर लोगों के मन में बना रहता है। शोधकर्ताओं कहते हैं-  ‘टैटू के कारण त्वचा कैंसर होता है’, इसे सिद्ध नहीं किया जा सकता है, पर टैटू की स्याही में कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। जब कैंसर की बात आती है, तो काली स्याही विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है क्योंकि इसमें बेंजो (ए) पाइरीन का उच्च स्तर होता है।
बेंज़ो (ए) पाइरीन को  इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा एक कार्सिनोजेन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। रंगों और इसकी गुणवत्ता को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। त्वचा का कैंसर जानलेवा हो सकता है।

रक्तजनित रोगों का खतरा

टैटू के कारण रक्तजनित रोग होने का खतरा भी बड़ा प्रश्न रहा है। इसके लिए भी सुइयों को साझा करना ही एक कारण हो सकता है। टैटू कराते समय हाइजीन, सुई और रंगों की जांच के अलावा सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी दस्ताने पहने हुए हैं। सुइयों का एक से अधिक बार इस्तेमाल करना हेपेटाइटिस और एचआईवी जैसे संक्रमण के खतरे को बढ़ा देता है।

इन समस्याओं के बारे में भी जानिए

टैटू के कारण आपमें कुछ और भी प्रकार की समस्याओं का जोखिम हो सकता है, जिसके बारे में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। 

  • टैटू डाई से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है जो वर्षों बाद विकसित हो सकती है। एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षणों में टैटू साइट पर दाने हो सकते हैं।
  • स्टैफ इंफेक्शन जैसी त्वचा की समस्याएं।
  • टैटू वाली जगह पर जलन या सूजन।
  • टैटू साइट के आसपास ग्रैनुलोमा या सूजन वाले ऊतक विकसित होना।
  • जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें टैटू नहीं कराना चाहिए, इसमें घाव में संक्रमण का खतरा हो सकता है।

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