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साल की आखिरी शनिश्चरी अमावस्या आज, करें ये खास टोटके, चमक जाएगी आपकी किस्मत

नई दिल्ली: भाद्रपद पद की अमावस्या तिथि को काफी शुभ माना जाता है। शनिवार को पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहते हैं। यह साल की आखिरी शनिश्चरी अमावस्या है। भाद्रपद में पड़ने वाली अमावस्या को पिठोरी अमावस्या, , कुशग्रहणी, कुशोत्पाटिनी अमावस्या के नाम भी जानते हैं। इस दिन स्नान-दान करने का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शनि के साथ शिव जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करने से मनचाही इच्छा पूर्ण हो सकती है। इसके साथ ग्रहों के दोष से भी छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि पिठोरी अमावस्या पर कौन से उपाय करना होगा शुभ।

पिठोरी अमावस्या के दिन भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करें। इस दिन हनुमान जी को चमेली के तेल में लाल रंग का कुमकुम मिलाकर लेप लगाएं। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से नवग्रह शांत होंगे।

करें भोले बाबा का अभिषेक

पिठोरी अमावस्या के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना लाभकारी होगा। इस दिन शिवजी का तिल के तेल से रुद्राभिषेक करें।

करें काली गाय की पूजा

शनि अमावस्या के दिन काली गाय की पूजा करना लाभकारी होगा। इस बात का ध्यान रखें कि गाय में किसी कोई दूसरा निशान न हो। आठ बूंदी के लड्डू लेकर गाय को खिलाएं और सात परिक्रमा कर लें।

भाग्य जगाने के लिए

शनि अमावस्या के दिन शनिदेव संबंधी उपाय करना लाभकारी होगा। इसलिए इस दिन 1 नारियल, 400-400 ग्राम काले और सफेद तिल, नौ कीलें, आठ मुट्ठी जौ, आठ मुट्ठी काले चने और आठ मुट्ठी कोयला लेकर एक काले कपड़े में बांध लें। इसके बाद अमावस्या की तिथि को शाम के समय किसी नदी या बहते हुए पानी के पास जाए और अपने ऊपर से सात बार सिर से पैर तक उतार लें और नदी में प्रवाहित कर दें। अगर आपके आसपास नदी नहीं है तो शनि मंदिर में इसे रख सकते हैं।

जलाएं सरसों के तेल की दीपक

शनि दोष को कम करने के लिए एक मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल लें और उसमें एक सिक्का और काले तिल डाल दें। इसके बाद इसमें अपनी मुख की छाया दिखाकर जला दें। ऐसा करने से लाभ मिलेगा।

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