इस मौसम में गंदे पानी और भोजन से हो सकती है टायफाइड की प्रॉब्लम, जानें इसके लक्षण, बचाव व उपचार
नई दिल्ली। बरसात के मौसम में जल-निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण पीने का पानी दूषित हो जाता है। इस मौसम में भी तेजी से संक्रमण फैलाती हैं, इसलिए इन दिनों खुले में बिकने वाले स्ट्रीट फूड, जूस या कटे फलों से दूर रहना चाहिए क्योंकि गंदगी में रहने वाली मक्खियां ऐसे खाद्य पदार्थों पर बैठकर उन्हें दूषित कर देती हैं और इसी वजह से उन्हें खाने वाला व्यक्ति बीमार हो जाता है। गंदे पानी और दूषित भोजन की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियां परेशान कर सकती हैं इन्हीं में से एक है टायफायड। आइए जानते हैं टायफाइड की वजहें, इसके लक्षण, बचाव व उपचार के बारे में विस्तार से।
टायफाइड की वजहें
यह सल्मोनल्ला एंटेरिका सेरोटाइप टाइफी नामक बैक्टीरिया की वजह से फैलने वाला गंभीर संक्रामक रोग है। दरअसल संक्रमित व्यक्ति के मल में भी यह बैक्टीरिया मौजूद रहता है। खुले में शौच की आदत और सीवेज सिस्टम की व्यवस्था दुरुस्त न होने की वजह से वही बैक्टीरिया लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह बैक्टीरिया महीनों तक जीवित रहता है और बहुत तेजी से फैलता है। इसी वजह से संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगता है।
टायफाइड के लक्षण
– सिर सहित पूरे शरीर में दर्द
– तेज बुखार
खांसी
– लूज मोशन
– भोजन में अरुचि आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
पुराने समय में इसे मियादी बुखार भी कहा जाता था यानी अपनी निश्चित अवधि पूरी करने के बाद ही यह खत्म होता है। हालांकि, अब एंटीबायोटिक्स की मदद से लगभग दो सप्ताह बाद ही यह समस्या दूर हो जाती है लेकिन उसके बाद भी मरीज को कुछ दिनों तक आराम और खानपान के मामले में सजगता बरतने की सलाह दी जाती है।
टायफाइड से बचाव
1. हाथ साफ रखें। वॉशरूम से आने के बाद और खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं।
2. इस मौसम में स्ट्रीट फूड खाना अवॉयड करें क्योंकि इससे टाइफॉइड बैक्टीरिया के पनपने की बहुत ज्यादा संभावना होती है।
3. खानपान की चीज़ों और बर्तनों को साफ पानी से ही धोएं।
4. घर का बना ताजा और गर्म खाना ही खाएं, ऐसा इसलिए क्योंकि उच्च तापमान में बैक्टीरिया के पनपने और बढ़ने की संभावना न के बराबर होती है।
5. कच्ची सब्जियां खाने और दूषित पानी पीने से बचें।