उत्तराखण्ड

पहले ही दिन हेली सेवा को एक घंटे रोकना पड़ा, जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा पर ध्‍यान देने की सख्‍त हिदायद दी

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही हेली सेवा भी शुरू हो गई। पहले ही दिन हेली सेवा को एक घंटे रोकना पड़ा। वहीं जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा पर ध्‍यान देने की सख्‍त हिदायद दी।

नियमों का पालन न करने पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को केदारनाथ के लिए उड़ान भरने वाली हिमालयन हेली कंपनी की सेवाओं को एक घंटे तक रोके रखा। कंपनी के अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की हिदायत देने के बाद हेली सेवा फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई।

नहीं किया जा रहा था यात्रियों की सुरक्षा को लेकर मानकों का पालन

यात्रा के पहले ही दिन हिमालयन हेली कंपनी ने केदारनाथ हेलीपैड में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। यहां तक कि कंपनी के कर्मचारियों ने विशेष ड्रेस भी नहीं पहनी थी। इस पर गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने डीएम को हेली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके चलते करीब एक घंटे तक हेली सेवा रोके रखी।

जिलाधिकारी ने हेली कंपनियों के कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई और हिदायत दी कि यात्रियों के सुरक्षा के मानकों पर लापरवाही न बरती जाए। इसके बाद फिर से हवाई सेवा शुरू हो गई। वहीं, केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के पहले दिन ही वीआइपी गेट पर भी भारी भीड़ जमा हो गई। यहां धक्का-मुक्की होती रही। स्थानीय नेता व बाहर से आए वीआइपी को दर्शनों के लिए लाइन में घंटों खड़े रहना पड़ा।

कीर्तिनगर: इस बार यात्रा मार्ग पर लगे वाटर कूलर

चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा मार्ग एवं शहर में शुद्ध पेयजल की दिक्कत न हो इसके लिए जल संस्थान देवप्रयाग ने वाटरकूलर लगाए हैं। जल संस्थान ने देवप्रयाग और कीर्तिनगर कस्बे में वाटर कूलर लगाये हैं। ताकि यात्रियों को उक्त स्थानों पर साफ जल मिल सके।

जल संस्थान देवप्रयाग के अधिशासी अभियंता नरेश पाल ने बताया कि देवप्रयाग और कीर्तिनगर नगर क्षेत्र में दो वाटर कूलर यात्रियों की सुविधा के लिए लगाएं हैं ताकि गर्मियों के मौसम में यात्रियों को पानी के लिए भटकना ना पड़े। उन्होंने कहा कि वाटरकूलर की नियमित निगरानी के साथ पानी की सप्लाई निरंतर रहेगी।

नगर पंचायत अध्यक्ष कैलाशी देवी जाखी, स्थानीय निवासी जय सिंह कठैत, महिपाल सिंह बुटोला, कल्पेश्वर चौधरी आदि ने जल संस्थान के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि यात्रा काल में यात्रियों को शुद्ध जल मिलने से यात्रियों को बेहतर संदेश जाएगा।

घोड़ा-खच्चर संचालन की अव्यवस्था बनी यात्रियों के लिए मुसीबत

केदारनाथ के कपाट खुलने के पहले ही दिन ही पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर संचालन की अव्यवस्था तीर्थयात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बनी। प्रशासन ने घोड़े खच्चरों की ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) से ट्रैक व मानीटरिंग करने समेत बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन पूरे पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों के अनियोजित संचालन से पैदल चलने वाले यात्रियों का चलना दूभर हो गया।

पैदल चलने के दौरान कई यात्रियों पर घोड़े-खच्चर टक्कर मार रहे हैं। शुक्र है कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। यात्रा की शुरुआत में यह स्थित है, तो आने वाले दिनों में स्थिति जटिल हो सकती है। वहीं प्रशासन व जिला पंचायत की ओर से घोड़े-खच्चर संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

केदारनाथ यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण व्यवस्था पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों के संचालन की है। पीक यात्रा सीजन में प्रतिदिन पांच हजार से अधिक यात्री घोड़े खच्चरों से बाबा के दर्शनों को पहुंचते हैं। पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की आवाजाही काफी अधिक होती है। जिससे पैदल चलने वाले यात्रियों को दिक्कतें आती हैं।

सरकार ने घोड़े खच्चरों का व्यवस्थित संचालन के लिए जीपीएस ट्रैकिंग करने समेत बड़े बड़े दावे किए थे, लेकिन यात्रा के शुरू दिन ही यह दावे हवाई साबित हुए और पैदल चलने वाले यात्रियों को मार्ग पर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अव्यवस्थित रूप से संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों से कई यात्रियों को टक्कर भी लगी। दो से तीन घोड़ों के साथ एक ही हाकर था, जिससे अव्यवस्था बढ़ रही है।

तीन हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का संचालन

इस वर्ष केदारनाथ पैदल मार्ग पर वर्तमान में लगभग तीन हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का संचालन हो रहा है। पैदल यात्रा मार्ग पर जहां डेंजर जोन है, और रेलिंग टूटी है। वहां घोड़े खच्चरों की आवाजाही के बीच यात्रियों के लिए अपनी जान बचाना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन व जिला पंचायत की ओर से इन घोड़े खच्चरों के संचालन को बेहतर बनाने में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ना कोई कार्रवाई हो रही है।

वहीं दूसरी ओर डंडी कंडी और घोड़े खच्चरों के चलने से पैदल चलने वाले यात्रियों को सुरक्षित चलने में भी असहज महसूस हो रहा है। हालांकि प्रशासन व जिला पंचायत के दावे है, कि पहले दिन कुछ अव्यवस्था हुई होंगी। लेकिन, आगे यात्रा में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होने दी जाएगी।

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पैदल मार्ग पर चलने वाले घोड़े खच्चरों की जीपीएस से लोकेशन ट्रेस की जाएगी। जिसको लेकर जिला पंचायत की ओर से यह पहल की गई है। यदि पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों के संचालन में कोई शिकायत मिलती है, तो संबंधित घोड़ा-खच्चर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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