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हेलंग की घटना उत्तराखंडी अस्मिता पर है सुनियोजित हमला : तिवारी

अल्मोड़ा: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने हैलंग (जोशीमठ) में पुलिस प्रशासन व औद्योगिक सुरक्षा बलों द्वारा ग्रामीण महिलाओं से घास का गट्ठर छीनने उन्हें अपमानित व गिरफ्तार करने को सरकार की शर्मनाक हरकत बताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड की अस्मिता पर सुनियोजित हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उपपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर आज न्यू कलेक्ट्रेट अल्मोड़ा पहुंचकर थोड़ी देर धरना दिया। अपर जिलाधिकारी चंद्र सिंह मर्तोलिया के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा गया है कि यह घटना बताती है कि उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधन जल, जंगल, जमीन पर कब्जा करने वाले तत्वों सरकारी गैर सरकारी कंपनियों ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने की शक्ति प्राप्त कर ली है। जिसके चलते उत्तराखंड की सरकार कटघरे मैं है। उपपा ने ज्ञापन में प्रदेश के मुख्यमंत्री को उत्तराखंड आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ने खटीमा, मसूरी, मुजफ्फरनगर कांड का दंश झेलने वाली जनता ने इस राज्य को नौकरशाहों, माफियाओं, पूजीपतियों और राजनेताओं की मस्ती के लिए नहीं बनाया था।

ज्ञापन में कहा गया है कि हेलंग की घटना ने राज्य के संवेदनशील लोगों को अंदर तक झकझोर दिया है। उपपा ने कहा कि गत चुनाव में राज्य के लिए सशक्त भू कानून उत्तराखंडियत का राग अलापने वाले राजनीतिक दल आज केवल जबानि जमा खर्च तक सीमित हैं। ज्ञापन में अल्मोड़ा के डांडा कांडा हवलबाग में दिल्ली के एक उद्दंड अधिकारी जो अनेक अपराधों में लिप्त है पिछले एक दशक से सरकारी व सार्वजनिक भूमि पर कब्जा कर चुका है जो स्थानीय लोगों, पत्रकारों, पुलिस प्रशासन यहां तक की न्यायपालिका के ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ लगातार साजिश कर रहा है पर सब कुछ जानते हुए भी सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि नशे के प्रकोप से राज्य को मुक्त करने गैरसैंण को राजधानी बनाने अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए आंदोलन करने वालों पर सरकार फर्जी मुकदमें लगा रही है जबकि ऐसे भ्रष्ट बेईमान अधिकारियों की अनदेखी कि जा रही है। उपपा ने मुख्यमंत्री से हैलंग क्षेत्र की घटना को गंभीरता से लेने उसके खलनायकों को चिन्हित कर उन्हें दंडित करने और राज्य हित में उत्तराखंडी अस्मिता को चोट पहुंचाने वाली प्रवृत्तियों, नीतियों को बदलने हेतु खुले दिल दिमाग से विचार करने की अपील की है।

ज्ञापन देने वालों में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी, केंद्रीय सचिव श्रीमती आनंदी वर्मा सामाजिक कार्यकर्ता दीवान धपोला, राज्य आंदोलनकारी कमला जोशी, नगर अध्यक्ष श्रीमती हीरा देवी, उपपा के वरिष्ठ नेता धीरेंद्र मोहन पंत, एडवोकेट नारायण राम, एडवोकेट वंदना कोहली, श्रीमती चंपा सुयाल, योगेश बिष्ट, राजू गिरी उत्तराखंड छात्र संगठन की संयोजक दीक्षा सुयाल, दीपांशु पांडे, बलवंत नगरकोटी समेत अनेक लोग शामिल रहे।

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