नई दिल्ली: प्रति वर्ष 8 मार्च को विश्व महिला दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में देश दुनिया की महिलाएं राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी दमदार भूमिका में हैं। आज महिलाएं खेल जगत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रदर्शन दिखा रही हैं, तो वहीं व्यावसायिक जगत और राजनीति में भी अपनी भूमिका को मजबूत बना रही हैं। भारतीय महिलाएं देश के सर्वोच्च और सशक्त पदों पर कार्यरत हैं। आजादी से पहले और स्वतंत्रता संग्राम की जंग के दौरान की कई भारतीय महिलाओं के सशक्त व्यक्तित्व की कहानी प्रचलित हैं। भारतीय संविधान निर्माण सभा में भी कई महिलाओं को सहभागिता थी, जिसमें से कई देश के राजनीतिक पदों पर आसीन हुईं। वर्तमान में महिलाएं राजनीति के क्षेत्र में अपनी सहभागिता दे रही हैं। वह देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति से लेकर वित्त मंत्रालय और अन्य कई विभागों को संभाल रही हैं। आइए जानते हैं देश की सशक्त महिला राजनेताओं के बारे में, जो राजनीति में परचम लहरा रही हैं।
द्रौपदी मुर्मू
देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वर्तमान में सबसे उच्च पद पर आसीन हैं। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। वह इस राज्य की गवर्नर बनने वाली पहली महिला थीं।
निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्तमान में सबसे दमदार और चर्चित राजनेता हैं। फोर्ब्स की 100 सबसे सशक्त महिलाओं की सूची में लगातार चार वर्षों से सीतारमण का नाम आ रहा है। सीतारमण पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं जो लगातार वित्त मामलों को संभाल रही हैं। इसके पहले वह रक्षा मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल चुकी हैं।
ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश की सबसे दमदार राजनेताओं में गिना जाता है। ममता बनर्जी लगातार तीन बार से प्रदेश के मुख्यमंत्री नियुक्त हो रही हैं। राज्य संभालने के साथ ही ममता अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी केंद्र में दो बार रेल मंत्री भी रह चुकी हैं।
मायावती
उत्तर प्रदेश की राजनीति का सबसे दमदार नाम मायावती का है। मायावती बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह लंबे समय से राजनीति में है और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। राजनीति में मायावती की पहचान ‘ बहन जी’ के तौर पर है।
सोनिया गांधी
गांधी परिवार की बहू, सोनिया गांधी ने सास इंदिरा गांधी और पति राजीव गांधी के निधन के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाली है। वह पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं। सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं। रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि यहां वर्षों से सोनिया गांधी राजनीतिक जीत हासिल कर रही हैं। वह खुद कभी किसी बड़े पद पर नहीं रहीं लेकिन केंद्र की राजनीति की बागडोर संभाली।