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पिछले दो वर्षों में तेजी से बढ़े हैं हृदय रोग के मामले, अभी छोड़ दें ये आदतें वरना आप भी हो सकते हैं अगले शिकार

नई दिल्ली: हृदय रोगों के मामले पिछले दो वर्षों में जिस गति से बढ़े हैं, वैसा शायद पहले कभी नहीं देखा गया था। कम उम्र में हृदय से संबंधित बीमारियों और  हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अमित पेंडारकर कहते हैं, इसके लिए कोविड-19 को प्रमुख कारण माना जा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना का संक्रमण हृदय के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है, लॉन्ग कोविड में कई लोगों को संक्रमण से ठीक होने के एक साल बाद तक भी हृदय रोगों से संबंधित समस्याएं बनी हुई हैं। इस तरह की स्थितियां आपमें गंभीर परेशानियों का कारण बन सकती हैं।

हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, भले ही आपमें कोई दिक्कत न हो फिर भी एक बार हृदय की एहतियातन जांच जरूर करा लेनी चाहिए। ऐसे करके आप किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की आशंका से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण नहीं रहा है उन्हें भी हृदय की सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता है।

हमारी जीवनशैली की कई गड़बड़ आदतें भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा रही हैं। आइए जानते हैं कि हृदय से संबंधित समस्याओं से बचे रहने के लिए किन आदतों को तुरंत छोड़ देने की आवश्यकता है?

धूम्रपान सबसे बड़ा दुश्मन

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, बढ़ते हृदय रोग के मामलों के लिए धूम्रपान को प्रमुख कारण माना जा सकता है। धूम्रपान के अलावा सेकेंड हैंडेड धुएं से भी बचना सुनिश्चित करें, इससे भी खतरा हो सकता है। तंबाकू में मौजूद रसायन हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। सिगरेट का धुआं रक्त में ऑक्सीजन को कम कर देता है, जिससे रक्तचाप और हृदय गति बढ़ जाती है। शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ये स्थितियां हृदय रोगों का कारण बन सकती हैं।

सेंडेंटरी लाइफस्टाइल छोड़ें

हृदय रोगों से बचे रहने के लिए सेंडेंटरी लाइफस्टाइल यानी कि शारीरिक निष्क्रियता वाली गतिविधियों को कम करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि का लक्ष्य रखें। हृदय रोग के जोखिम को कम करने में नियमित व्यायाम और योगासनों का अभ्यास करना सहायक हो सकता है। व्यायाम की आदत हृदय रोगों के अन्य कारकों जैसे उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी सहायक है।

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आहार में न होने पाए कोई गड़बड़ी

संपूर्ण शरीर, विशेषरूप से हृदय की समस्याओं से बचे रहने के लिए आहार का विशेष ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है। स्वस्थ भोजन हृदय रोग के कारकों को कम करने में आपके लिए सहायक है। इसके लिए आहार में सब्जियों और फल, चिकन, कम फैट वाले डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज और खाने के स्वस्थ तेलों का सेवन करें। जंक-फास्ट फूड्स के अधिक सेवन के कारण भी हृदय की समस्याओं और हार्ट अटैक के बढ़ने का जोखिम रहता है। 

नींद से कोई समझौता नहीं

जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं उनमें मोटापा, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा पड़ने, मधुमेह और अवसाद का खतरा अधिक होता है। ये सभी स्थितियां आपमें हृदय रोगों का कारक हो सकती हैं। अधिकांश वयस्कों में रात की नींद पूरी न होने की समस्या देखी गई है। सोने का समय निर्धारित करें और हर दिन एक ही समय पर सोएं। नींद की गुणवत्ता में सुधार करके आप हृदय रोगों के जोखिम को  कम कर सकते हैं।

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