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पर्यटन मानचित्र पर लाएंगे बागेश्वर का उत्तरायणी मेला

बागेश्वर मेला अवधि में संगम तट पर दूर-दूर से श्रद्धालु, भक्तजन आकर मुडंन, जनेऊ सरंकार, स्नान पूजा अर्चना करते हैं। मकर संक्रान्ति के दिन प्रातः काल से ही हजारों की संख्या में स्त्री, पुरूष, बच्चे, बूढ़े, महिलाऐ संगम में डुबकी लगाते हैं। माना जाता है कि वर्ष में सूर्य छः माह दक्षिणायन में व छः माह उत्तरायण में रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बागेश्वर का ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले को भव्य रूप से मनाया जाएगा। वहीं 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी aवाजपेयी के जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अटल के जन्म जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकार ने सुशासन के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं।

मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है इस समय संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। मकर संक्रांति पर्व पर बागेश्वर में मनाए जाने वाले उत्तरायणी मेले को पर्यटन मानचित्र पर लाया जाएगा। सीएम धामी ने मेले को भव्य रूप देने के साथ प्रवासी उत्तराखंडियों को भी मेले से जोड़े जाने का वादा किया है।

उन्होंने कहा कि मेले को पहचान दिलाने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों को उत्तरायणी मेले की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। गौरतलब है कि हल्द्वानी में भी उत्तरायण मेला धूमधाम से मनाया जाता है। सीएम धामी का बागेश्वर के मेले को लेकर ये विज़न पर्यटन की दृष्टि से भी उत्तराखंड के लिए फायदेमंद होगा।

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