32 हजार करोड़ की योजनाओं से भव्य रूप ले रही अयोध्या
अयोध्या: अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा कै खानी… लंका विजय के बाद श्रीराम के अयोध्या लौटने के दौरान रामनगरी के परिदृश्य को दर्शातीं रामचरित मानस की यह पंक्तियां इस समय अयोध्या में साकार हो रही हैं। जिस प्रकार 14 साल के वनवास के बाद जब प्रभु श्रीराम अयोध्या लौटे तो उनके स्वागत में अयोध्या इस तरह सजी-धजी थी कि शोभा की खान लग रही थी। कुछ इसी अंदाज में रामलला जब भव्य मंदिर में विराजने वाले हैं तो पूरी अयोध्या सज-धजकर तैयार हो रही है।
अयोध्या में 32 हजार करोड़ की योजनाएं आकार ले रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश व सख्ती के बाद विकास योजनाओं की गति बढ़ गई है। रामलला की प्राणप्रतिष्ठा से पहले कई योजनाएं मूर्त रूप ले चुकी होंगी। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां आने वाले लाखोंभक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से अयोध्या को तैयार किया जा रहा है। दिसंबर 2023 में गर्भगृह का निर्माण पूरा कर जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी है। इसके बाद राम मंदिर आम भक्तों के लिए खुल जाएगा। फिलहाल 25-30 हजार भक्त रोज आ रहे हैं, मंदिर बनने के बाद यह संख्या पांच गुना तक बढ़ सकती है। अयोध्या 2031 मास्टर प्लान के तहत 133 वर्ग किमी. का क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं को अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उतरते ही राममंदिर का अहसास होगा। यह स्टेशन खास तौर पर राममंदिर मॉडल के अनुरूप तैयार हो रहा है। 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अप्रैल 2023 तक यह भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा और यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
रामनगरी में पांच स्थानों पर मल्टीलेवल पार्किंग बन रही है। टेढ़ीबाजार व कौशलेश कुंज के पास बन रही तीन पार्किंग लगभग तैयार हैं। मंदिर खुलने से पहले यह पार्किंग भक्तों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। कौशलेश कुंज में 4.41 करोड़ से पार्किंग का निर्माण हो रहा है, इसमें 38 दुकानें भी हैं। वहीं जलकल अमानीगंज में 1.3 करोड़ से पार्किंग बन रही है।