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बारिश के बाद बदरीनाथ हाईवे का 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त, बड़े वाहनों की आवाजाही बंद

गोपेश्वर: ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर पुरसाड़ी में निर्मित सीमेंट की दीवार एक बरसात भी नहीं झेल पाई है। मंगलवार रात हुई बारिश के दौरान 30 मीटर दीवार के साथ हाईवे ध्वस्त हो गया। बुधवार को करीब तीन घंटे तक यहां हाईवे बाधित रहा। सुबह करीब दस बजे पहाड़ी काटकर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई। हाईवे पर कई जगह पुश्ते धंस गए हैं। 

बदरीनाथ हाईवे पर एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) की ओर से चौड़ीकरण और डामरीकरण कार्य किया गया। पुरसाड़ी के समीप पुराने पुल के समीप नया पुल बनाया गया है। हाल ही में पुल की एप्रोच रोड सीमेंट से बनाई गई थी। मंगलवार रात की बारिश में 30 मीटर दीवार और हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया। 

स्थानीय निवासी महेंद्र सिंह का कहना है कि दीवार में सीमेंट की जगह मिट्टी का भरान किया गया था जिससे करोड़ों की दीवार एक बरसात भी नहीं झेल पाई है। क्षेत्रपाल में भी हाईवे की स्थिति बेहद खराब है। बिरही, मायापुर, पाखी, कौड़िया, हेलंग में भी हाईवे कई जगहों पर धंस गया है। टंगणी गांव के समीप हाईवे करीब 150 मीटर तक धंस गया है। यहां कभी भी हाईवे क्षतिग्रस्त हो सकता है।

एनएचआईडीसीएच महाप्रबंधक संदीप कार्की ने बताया कि भारी बारिश के कारण दीवार क्षतिग्रस्त हुई है। आगामी चार साल तक ठेकेदार के पास दीवार निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी है। जहां-जहां हाईवे को नुकसान हुआ है, वहां सुधारीकरण कार्य किया जाएगा।

वहीं, चमोली जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली 51 सड़कें बंद पड़ी हैं। यह सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को बाजार और कस्बों से जोड़ती हैं। सड़कों के बंद होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों से करीब 150 गांव जुड़े हैं। 

सड़कें बंद होने से लोगों को बाजारों तक पहुंचने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। लोग जरूरी सामान पीठ पर लादकर कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है। गांवों में इन दिनों यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। जिले की कई सड़कें ऐसी हैं जिन्हें बंद हुए कई दिन हो गए हैं। 

जगह-जगह पुश्ते टूटने और भारी मलबा आने से सड़कों को खोलने में काफी समय लग रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत दूरस्थ क्षेत्र के गांवों के लोगों को उठानी पड़ रही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं। कई सड़कों को खोल दिया गया था लेकिन बारिश होने पर सड़कें दोबारा बंद हो गई हैं। 

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