विस भर्तियों में प्रांत प्रचारक युद्धवीर का नाम घसीटे जाने से आरएसएस नाराज, मुकदमा
देहरादून। विधानसभा सचिवालय में हुई विवादास्पद भर्तियों में आरएसएस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर सिंह यादव का नाम उछाले जाने से नाराज संघ के नेताओं ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाक़ात कर अफवाह और फर्जी दस्तावेज फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। संघ नेताओं ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करा दी गई।
प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल की अगुवाई में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात कर कहा कि जिन लोगों ने भी युद्धवीर के खिलाफ दुष्प्रचार किया, नौकरी लगवाने संबंधी तथाकथित गलत दस्तावेजों को फैलाया, फेक आई डी के जरिये सोशल मीडिया में दुष्प्रचार किया, उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
संघ की तरफ से इसके बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज करा दी गई। युद्धवीर पर साल 2017 से 2022 के बीच पद का दुरुपयोग कर खास लोगों को सरकारी नौकरियाँ लगवाने के आरोप सोशल मीडिया में उछाले गए हैं। प्रांत प्रचारक पर लगे इस किस्म के गंभीर और भ्रष्टाचार के आरोपों से संघ में भी हलचल है। बताया जाता है कि इस बारे में युद्धवीर हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी से भी मिले और उन्हें संघ के वरिष्ठ नेताओं को भी सफाई देनी पड़ी।
संघ की तरफ से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि सोशल मीडिया में जो सूची दिखाई जा रही है, उसमें जिन नामों के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी नौकरी युद्धवीर ने लगाई, वे न तो नियुक्त हैं न ही कार्यरत हैं। ये पूरी तरह झूठी और समाज में घृणा-वैमनस्य फैलाने की साजिश का हिस्सा है।
संघ ने प्रांत प्रचारक पर लगे आरोपों पर सख्त रुख अपनाते हुए दुष्प्रचार के लिए दोषियों पर कार्रवाई के लिए सख्त रुख अपनाया हुआ है।भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह ने भी इस बाबत बयान जारी कर कहा कि धामी सरकार की सफलता व लोकप्रियता से विपक्षी दल उल-जुलूल दुष्प्रचार कर लोगों को भ्रमित करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। ये उनकी निराशा-हताशा को जाहिर करता है।