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बरगद के पेड़ में क्यों बांधा जाता है कलावा, जानिए इसका धार्मक महत्व

नई दिल्ली। Bargad Tree Worship: सनातन धर्म में कई पेड़-पौधों को पूजनीय माना गया है। हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन पेड़-पौधों की पूजा करने से घर का वास्तु दोष दूर होता है। जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं कि बरगद के पेड़ में कलावा बांधने का क्या महत्व है और इससे क्या लाभ मिलते हैं।

हिंदू धर्म में कलावे का महत्व

कलावे को हिंदू धर्म में रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। साथ ही इसे बहुत ही पवित्र माना गया है इसीलिए पूजा में भी इसका विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। घर में हर शुभ अवसर या पूजा-पाठ में कलावा यानी रक्षा सूत्र को विशेष रूप से बांधा जाता है।

क्या महत्व रखता है बरगद का पेड़

बरगद के पेड़ में ब्रह्मा जी, श्रीहरि और शिव निवास करते हैं। बरगद के पेड़ की उम्र सबसे ज्यादा होती है, इसलिए इसे ‘अक्षयवट’ भी कहा जाता है। देव वृक्ष होने के कारण बरगद के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में अखंड सौभाग्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए वट वृक्ष की पूजा की जाती है।

बरगद में कलावा बांधने के लाभ

शास्त्रों में बरगद यानी वट वृक्ष के पेड़ की पूजा करने का विधान बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार बरगद के पेड़ की पूजा के बाद उसमें कलावा बांधने से स्त्रियों के सुहाग की रक्षा होती है। कहा जाता है कि बरगद के पेड़ में कलावा बांधने से वैवाहिक जीवन भी खुशहाल बना रहता है। साथ ही इससे पति-पत्नी के संबंधों में मिठास घुलती है। माना जाता है कि बरगद के पेड़ में कलावा बांधने से अकाल मृत्यु जैसे योग भी टल जाते हैं।

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