उत्तराखण्ड

उत्तराखंड डेस्टिनेशन स्टार्ट अप हब के रूप में हो रहा विकसित: सौरभ बहुगुणा

– युवाओं के लिए रोजगार प्रदाता के रूप में उभरने के पर्याप्त अवसर
– राज्य सरकार की प्राथमिकता, 10 पहाड़ी जिलों में फोकस कर किया जाए विकास

देहरादून: उत्तराखंड में स्टार्टअप की ग्रोथ के अवसर पर चौथा सत्र आयोजित हुआ। कौशल विकास और सेवायोजन मंत्री डॉ सौरभ बहुगुणा ने उपस्थित निवेशकों और स्टार्ट अप उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तराखंड डेस्टिनेशन स्टार्ट अप हब के रूप में विकसित हो रहा है। युवाओं के लिए रोजगार प्रदाता के रूप में उभरने के पर्याप्त अवसर है। इसके लिए सरकार ने उद्योग नीति 2023 को निवेशकों और उद्यमियों के अनुरूप बनाया है जिससे निवेशकों के साथ ही स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को वित्तीय और मार्गदर्शन मिलता रहे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है की 10 पहाड़ी जिलों में फोकस कर विकास किया जाए। आज उत्तराखंड स्टार्ट अप के क्षेत्र में देश के पांच शीर्ष राज्यों में शुमार हो गया है। जहां 2016 में राज्य में मात्र 04 स्टार्ट अप थे वही आज राज्य ने 950 स्टार्ट अप की संख्या को पार कर दिया है। इनमें से कई स्टार्ट अप अपनी बुलंदियों पर पहुंचकर नए स्टार्ट अप की भी मदद कर रहे है। नई स्टार्ट अप पॉलिसी 2023 के तहत नए इनक्यूबेशन सेंटर खोलने पर 01 करोड़ तक का सहयोग किया जायेगा वही अवस्थित इनक्यूबेशन सेंटर के विस्तार हेतु 50 लाख तक का सहयोग भी मिलेगा।

सरकार ने ड्रोन के प्रोमशन और प्रयोग की पॉलिसी 2023, डाटा सेंटर उत्तराखंड सर्विस सेक्टर पॉलिसी 2023, आई टी/ आईटीईइस उत्तराखंड सर्विस सेक्टर पॉलिसी 2023 को हाल ही में बनाया है। हमें विश्वास है कि समस्त निवेशकों और उद्यमियों को राज्य में सिंगल विंडो क्लीयरेंस से आसानी होगी। उन्होंने निवेशकों को किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शासन प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया।

उत्तराखंड किस तरह हब के रूप में विकसित हो रहा है, इस पर पैनलिस्ट ने विस्तार से चर्चा की। कहा की उत्तराखंड में अच्छा व्यवसाय माहौल, सरकार का सहयोग और ईको सिस्टम है। सरकार वित्तीय सहयोग के साथ ही अपना मार्गदर्शन भी देती है जो कि कुशल व्यवसाय के लिए जरूरी है। विशेषकर उन स्टार्ट अप को सहयोग दिया जा रहा है जो किसी कारणवश चल नहीं पाए। उन्होंने नए स्टार्ट अप कर्ताओं से अपने प्रोजेक्ट में किसी भी प्रकार का शॉर्ट कट न अपनाने, प्रोजेक्ट की वित्तीय वायाबिलिटी को समझने के गुर दिए। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि जल्द ही देश की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन से बढ़कर 10 ट्रिलियन होगी।

सत्र में प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड के एसोसिएट प्रोफेसर उदित शर्मा, ग्लोबल एसवीपी से डा सुबी चतुर्वेदी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से डा अमन मित्तल, लॉग 9 से अक्षय सिंघल, कमर्शियल काउंसलर अजय सिंह मौजूद थे।

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