हार्ट अटैक आने से महीनाभर पहले शरीर कई तरह के संकेत देता है. इन्हें समझकर आप इसकी गंभीरता से बच सकते हैं. हार्ट अटैक के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में एक जैसे होते हैं लेकिन महिलाओं में इन लक्षणों को पहचानना पुरुषों की अपेक्षा मुश्किल होता है.हार्ट अटैक की समस्या एक समय पर पश्चिमी देशों की बीमारी हुआ करती थी लेकिन आज के समय में अपने देश में भी स्थिति यह है कि 24 साल के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं. हार्ट अटैक किसी को भी कहीं भी और कभी भी आ सकता है. ऐसे में तुरंत इससे बचना संभव नहीं है. लेकिन हार्ट अटैक आने से करीब महीना भर पहले से ही आपके शरीर में कुछ खास बदलाव होने लगते हैं. या कहिए कि आपका शरीर आपको सचेत करने लगता है. इन लक्षणों को पहचानकर आप सतर्क होकर हार्ट अटैक की समस्या से बच सकते हैं. यहां जानें, कौन से हैं वे लक्षण, जो एक महीना पहले से ही नजर आने लगते हैं…
आपको नजर आएंगे ये लक्षण
हर्टबर्न की समस्या होना, जिसे लोग आमतौर पर एसिडिटी समझकर अनदेखा कर देते हैं.सांस लेने में तकलीफ होना या कभी कभी सांस का अटकनाबहुत जल्दी थक जाना. कोई सामान उठाने में या यहां तक कि बिस्तर से उठने में भी थक जानारह रहकर चक्कर आनाब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहना सीने में दर्द होनामितली आनाधड़कने अनियंत्रित रहना साइलंट हार्ट अटैकसीने में जकड़न महसूस होना, घबराहट होना , सांस लेने में दिक्कत होना और पसीना आना. ये कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हैं, जिन्हें लोग आम समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं और कोई पेनकिलर लेकर थोड़ी देर सो जाना या आराम करना पसंद करते हैं. लेकिन यह कोई आम समस्या ना होकर माइल्ड हार्ट अटैक हो सकता है, जिसे साइलंट हार्ट अटैक के रूप में जाना जाता है. हार्ट अटैक के जिन लक्षणों को ज्यादातर लोग जानते हैं, जैसे सीने में तेज दर्द होना, चक्कर खाकर गिर जाना इत्यादि ये सभी सीवियर अटैक होने पर आने वाले लक्षण होते हैं.महिलाओं में होता है कंफ्यूजन महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तरह क्लीयर नहीं होते हैं. इसकी वजह है मेनोपोज और हॉर्मोनल बदलाव के कारण अक्सर नजर आने वाले लक्षण. इसलिए महिलाओं में सायलंट हार्ट अटैक और हॉर्मोनल बदलाव के लक्षणों को लेकर कंफ्यूजन रहता है. हालांकि महिलाओं में भी हार्ट अटैक के वही लक्षण होते हैं, जो पुरुषों में होते हैं.लेकिन जब आपकी धड़कने तेजी से बढ़ने लगें, सीने में जकड़न का अनुभव हो और तेज दर्द भी, हॉट फ्लैश की दिक्कत हो, सांस लेने में समस्या इत्यादि हो रही हो तो आप समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं. सिर्फ मेनोपोज के लक्षण मानकर इन्हें अनदेखा करने की भूल ना करें.