सैय्यद राशिद ने की थी हिमालया वेलनेस कंपनी की स्थापनाः फाउंडेशन
तस्मिया हाल में डॉ. फ़ारूक़ ने यादगारी खिताब में भावुक्ता से सुनाई पिता की दास्तान
देहरादून। सर सैय्यद फाउंडेशन की और से तस्मिया हॉल में एक यादगारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर की नामी गिरामी शख्सियतों ने शिरकत कर मरहूम सैय्यद राशिद अहमद को खिराजे अक़ीदत पेश किया।
गौरतलब है कि हिमालया वेलनेस कंपनी के संस्थापक और वर्तमान में कंपनी के मालिक डॉ. फ़ारूक़ के पिता मरहूम सैय्यद राशिद अहमद की याद में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें पद्मश्री अख्तरुल वासे, मानू यूनिवर्सिटी के पूर्व वाईस चान्सलर व फाउंडेशन के अध्यक्ष ख़्वाजा एम. शाहिद, मशहूर सीनियर पत्रकार सैय्यद मंसूर आग़ा, मासूम मुरादाबादी, और पारिवारिक सदस्य फर्रुख शहज़ाद ने खासतौर से शिरकत की।
ख्वाजा शाहिद ने ‘आप याद आते हैं’ के बारे में चर्चा करते हुए, मरहूम सैय्यद राशिद की याद में रखे इस कार्यक्रम का मक़सद बयान किया। डॉ फ़ारूक़ ने बेहद भावुक अंदाज़ में अपने पिता को याद करते हुए, ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव के सफर को बयान किया। बताया कि किस तरह 1980 में पिता की मृत्यु के बाद तमाम काम संभाले, और सन 2001 में इस किताब के उर्दू एडिशन और बीस साल बाद सन 2020 में हिन्दी एडिशन के आने तक कि यादों को सांझा किया। अपनी वालिदा को याद करते हुए उनके घर मे बनाये गए उसूलों के बारे में बयान किया। इसके साथ ही अपने माता-पिता की याद में उनकी किताब में लिखी गयी कविताएं भी कार्यक्रम में सुनाई। मासूम मुरादाबादी ने कहा कि डॉ फ़ारूक़ के किरदार में उनके पिता का बेहतरीन अक़्स झलकता है। छोटे भाई फर्रुख शहज़ाद ने नज़्म सुनाकर इस यादगारी समारोह को और भी यादगार बना दिया।
इस मोके पर पद्मश्री अख्तरुल वासे, एडवोकेट ख्वाजा शम्स, एडवोकेट असलम अहमद, एडवोकेट रईस अहमद, नूर नवाज़ खान, इदरीस कुरेशी, क़ाज़ी मोहम्मद मियां, फ़ारूक़ सिद्दीकी, ऐजाज़ गौरी आदि लोगों ने शिकरत की। कार्यक्रम का आग़ाज़ मोज़फ़्फ़र अली की तिलावते क़ुरान से हुआ, और कार्यक्रम का समापन एआईईएम के महासचिव अब्दुल रशीद के द्वारा मौजूद मेहमानों व वक्ताओं के शुक्रिया के साथ हुआ।