उत्तराखण्ड

देहरादून में झमाझम बारिश, दस जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

देहरादून: पहाड़ों में बारिश का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार को टिहरी और देहरादून में झमाझम बारिश हुई। बाकी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई है। वहीं, प्रदेश में देहरादून समेत दस जिलों में आज भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, टिहरी, चमोली, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ जिले के लिए येलो अलर्ट है।

वहीं,  मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और बागेश्वर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बाकी जनपदों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के कारण प्रदेश में 200 से अधिक सड़कें बंद हैं।

तीन दिन बाद दून में मूसलाधार बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बीते शनिवार के मुकाबले रविवार को दून का अधिकतम तापमान तीन डिग्री कम दर्ज किया गया। उधर, मूसलाधार बारिश से शहर में कई जगह जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़कों पर हुए गड्ढों ने वाहन चालकों और राहगीरों की समस्या दोगुनी कर दी।

शहर में रविवार से ही तेज बारिश हो रही है। सोमवार तड़के भी तेज बारिश शुरू हो गई। सुबह करीब 10 बजे तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा। हालांकि दिन में मौसम साफ रहा, लेकिन शाम छह बजे से ही एक बार फिर बूंदाबांदी का दौरा शुरू हो गया। साढ़े सात बजे के आसपास तेज बारिश शुरू हो गई। रातभर रुक-रुककर तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा।

बारिश के कारण माजरा चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन चौक, एस्लेहॉल चौक, दर्शन लाल चौक समेत शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। जिसके चलते कई बार जाम जैसी स्थिति भी बनी। वहीं पलटन बाजार में दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को काफी परेशानी हुई।

मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों में देहरादून जिले में 14.6 एमएम बारिश हुई। यह सामान्य से 15 फीसदी अधिक है। वहीं सोमवार को दून का अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री रहा। विभाग ने मंगलवार को भी दून में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

भारी बारिश के कारण टपकेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहाड से मलबा आ गया। जिससे वहां काफी देर तक आवाजाही बंद रही। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ी। डेढ़ घंटे मशक्कत के बाद मलबा हटाया गया, तब जाकर श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सके।

हालांकि जिस समय मलबा गिरा उस समय वहां आवाजाही नहीं थी। इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। वहीं सावन महीने का सोमवार होने के कारण मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लग गई थी, लेकिन उन्हें दर्शन करने में परेशानी हुई। कुछ लोग तो किनारे-किनारे होते हुए दर्शन के लिए मंदिर के अंदर चले गए, जबकि कई लोग मलबा हटने का इंतजार करते रहे। मंदिर समिति के प्रधान गोपाल कुमार गुप्ता ने बताया कि बाद में मजदूर लगाकर मलबे को हटा दिया गया गया। इसमें करीब डेढ़ घंटा लग गया। इसके बाद दिनभर श्रद्धालुओं ने आराम से दर्शन किए।

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