उत्तराखण्ड

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती भी चढी भ्रष्टाचार की भेंटः कांग्रेस

भाजपा सरकार व अधिकारियों ने बांटी अपनों को रेवडी
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के जांच के आदेश कचरे के डब्बे में डालेः बिष्ट
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्तियों में हुई मनमानी व भ्रष्टाचार के मामले में 3 अगस्त 2023 को प्रदेश के
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच करने और जांच होने तक नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित किये जाने के जो निर्देश दिये थे उन निर्देशों का अधिकारियों ने क्या पालन किया, उस पर सवाल खडे किये हैं।
शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में आयुर्वेद व यूनानी चिकित्साधिकारियों की लिखित परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थियों की जगह 4 प्रतिशत, 6 प्रतिशत व 13 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों का चयन भ्रष्टाचार की पुष्टि कर रहा है। वहीं इस परीक्षा की मौखिक परीक्षा प्रक्रिया में भी मनमाने तरीके से चहेतों को लाभ पहुंचाया गया व मनमाने ढंग से अंक देकर उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया गया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की मनमानी की गई उससे आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों की परीक्षा की निष्पक्षता पर बडे सवाल खडे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब यह मामला बेरोजगार युवाओं और विपक्ष द्वारा उठाया गया तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 3 अगस्त 2023 को मामले का संज्ञान लेते हुए इन 254 पदों पर हुई धांधली की जांच के आदेश दिये थे, जांच होने तक भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का फरमान जारी किया था मगर 7 अगस्त 2023 को समाचार पत्रों में चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने विज्ञापन देकर चयनित अभ्यर्थियों से समस्त प्रपत्रों सहित उपस्थित होने के निर्देश दिये जिससे उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किये जा सकें।

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