उत्तराखण्ड

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास के लिए बजट में 2500 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की मांग उठाई

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास के लिए बजट में 2500 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की मांग उठाई गई है। यह मांग उठाने वाले कर्णप्रयाग विस के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर नौ नवंबर 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री की उस घोषणा का जिक्र किया है, जिसमें गैरसैंण के भावी विकास के लिए 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई थी।

उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर ही सीएम ने गैरसैंण के विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की भी घोषणा की थी। इस कमेटी में प्रमुख सचिव वन, आवास, शहरी विकास, पेयजल, सिंचाई, वित्त और मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते को सदस्य सचिव बनाया गया था।

पत्र में नेगी ने भराडीसैंण विधानसभा में 13 मार्च से आहूत सत्र के दौरान पेश होने वाले बजट में गैरसैंण के विकास के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के स्तर पर प्रभावी कार्रवाई की अपेक्षा भी की।

इन प्रमुख परियोजनाओं पर तेजी की लाने जरूरत

झीलः गैरसैंण और भराडीसैंण में पीने के पानी आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक झील बनाई जानी है। पूर्व विधायक नेगी के मुताबिक इस झील के निर्माण के लिए सभी जरूरी एनओसी व शर्तें पूरी हो गई थीं लेकिन कि प्रस्ताव वित्त विभाग में अटका है। परियोजना पर करीब 150 करोड़ रुपये की लागत आनी है।

पार्किंगः गैरसैंण में पार्किंग निर्माण के लिए नगर पालिका को दस नाली भूमि दी गई थी। करीब 14 करोड़ की लागत से पार्किंग का निर्माण होना है। यह काम पेयजल निगम के पास है।

मिनी सचिवालयः भराड़ीसैंण में मिनी सचिवालय भवन निर्माण के लिए शिलान्यास हो चुका है। नेगी के मुताबिक वेबकॉज कार्यदायी एजेंसी को तीन करोड़ रुपये दिए भी जा चुके हैं। इसकी कुछ धनराशि देहरादून के जिलाधिकारी पीएलए में भी रखी है।

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