पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को दी 1775 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
वाराणसी: पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा की सौगात दी है। सिगरा स्टेडियम से उन्होंने 43 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इससे पहले अक्षय पात्र रसोई का उद्घाटन और नई शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ किया।
पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा की सौगात दी है। सिगरा स्टेडियम से उन्होंने 43 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इससे पहले अक्षय पात्र रसोई का उद्घाटन और नई शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ किया।
04:39 PM, 07-JUL-2022
काशी विश्वनाथ धाम ने लिखी विकास की नई ईबारतः सीएम योगी
पीएम मोदी संपूर्णानंद स्टेडियम पहुंचे चुके हैं। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा, यूपी सरकार के 100 दिन और केंद्र में भाजपा सरकार के आठ साल पूरे होने वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री का हार्दिक स्वागत है। आज पूरी दुनिया देख रही पुरानी काशी और आधुनिक काशी में अंतर। काशी विश्वनाथ धाम ने लिखी विकास की नई ईबारत।
04:23 PM, 07-JUL-2022
बच्चों ने प्रधानमंत्री को मंत्रोच्चारण सुनाया और योग करके दिखाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में बच्चों के साथ बातचीत की। इस दौरान बच्चों ने प्रधानमंत्री को मंत्रोच्चारण सुनाया और योग करके दिखाया।
04:16 PM, 07-JUL-2022
काशी की जनता को 1775 करोड़ की सौगात देंगें पीएम मोदी
शिक्षा समागम के बाद प्रधानमंत्री वाराणसी में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह काशी की जनता को 1775 करोड़ की सौगात देंगें। 03:51 PM, 07-JUL-2022
पीएम मोदी बोले- नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें स्किलड बनाने पर
नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें स्किलड बनाने पर है। हमारे युवा स्किलड हों, कांफिंडेंट हों, प्रैक्टिकल और कलकुलेटिव हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है। आप सबको वर्तमान को संभालना है, आपके पहले जो करके गए हैं उसको आगे बढ़ाना है। लेकिन आज जो काम कर रहे हैं, उनको भविष्य के लिए ही सोचना होगा, व्यवस्थाएं भी भविष्य के लिए ही विकसित करनी होंगी।03:47 PM, 07-JUL-2022
पीएम मोदी बोले- हम ऐसी व्यवस्था में रहे जहां पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है। हमारे देश में मेधा की कभी कमी नहीं रही। लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी, जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया। आजादी के बाद शिक्षा नीति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ, लेकिन बहुत बड़ा बदलाव रह गया था। अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था कभी भी भारत के मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं थी और न हो सकती।03:38 PM, 07-JUL-2022
हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम
नए भारत के निर्माण के लिए नई व्यवस्थाओं का निर्माण, आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश उतना ही जरूरी है। जो पहले कभी भी नहीं हुआ, जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता था, वो आज के भारत में हकीकत बन रहे हैं। आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहाँ पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है।03:35 PM, 07-JUL-2022
स्पेस टेक्नोलॉजी में प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए बन रही युवाओं के लिए नई दुनिया
स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है। देश की बेटियों के लिए, महिलाओं के लिए भी जो क्षेत्र पहले बंद हुआ करते थे, आज वो सेक्टर बेटियों की प्रतिभा के उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैंः पीएम मोदी03:29 PM, 07-JUL-2022
हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करेंः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की जरूरत हो, हमारी शिक्षा व्यवस्था वो देश को दे। इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है।03:26 PM, 07-JUL-2022
मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल आधार, शिक्षा को संकुचित सोच के दायरों से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना है। पीएम मोदी ने कहा कि ये समागम आज ऐसे समय हो रहा है, जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर है। आगे कहा कि काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को ही माना गया है। इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का मंथन, जब सर्व विद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा, तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा।