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देश में सबसे पहले उत्तराखंड में लागू हुई नयी शिक्षा नीति 2020

देहरादून: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने के मामले में उत्तराखंड ने अन्य राज्यों से बाजी मार ली। मंगलवार को देहरादून में “बाल वाटिका कक्षा” का श्रीगणेश कर उत्तराखंड नयी शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में ‘बाल वाटिका कक्षा’ का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एस.सी.ई.आर.टी भवन का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए कौशलम् पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने जीर्ण शीर्ण आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रान्तिकारी परिवर्तन है।

उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी। यह शिक्षा नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों को सबसे पहले संस्कार माता-पिता से मिलते हैं, उसके बाद उनके व्यक्तित्व निर्माण में पूरी भूमिका शिक्षकों की होती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग से अपेक्षा की है कि विभाग द्वारा 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसे कार्य किये जाएं, जो देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हों। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि 2025 में जब उतराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनायेगा, सभी विभाग अपनी कुछ विशेष उपलब्धियां धरातल पर दिखाएं।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में आज से बालवाटिका का शुभारम्भ किया गया है। यह कार्यक्रम आज प्रदेश के सभी विकासखण्डों में भी आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्पराओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। योग, वेद, पुराणों, स्थानीय बोलियों एवं संस्कृत आधारित शिक्षा पर इसके तहत विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों में जो पढ़ाई नर्सरी में होती थी, अब वही पढ़ाई आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पास सिर्फ पढ़ाने का कार्य हो, इसके लिए शिक्षा विभाग में सभी अन्य व्यवस्थाएं ऑनलाईन की जा रही हैं। उत्तराखण्ड में एक साल के अन्दर विद्या समीक्षा केन्द्र बनाये जायेंगे। अगले साल से स्कूलों में अंक सुधार परीक्षा का आयोजन भी किया जायेगा।उन्होंने कहा कि अब शिक्षकों से अब अन्य कार्य नहीं कराए जाएंगे। यही नहीं, शिक्षकों के प्रमोशन एक महीने के अंदर कर दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नरेन्द्र मोदी जी के राजनीतिक जीवन पर आधारित पुस्तक ‘मोदी @ 20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी’सौंपी।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महानिदेशक शिक्षा वंशीधर तिवारी, अपर सचिव शिक्षा श्रीमती दीप्ति सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. आर. के. कुंवर, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती सीमा जौनसारी, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा श्रीमती वंदना गर्ब्याल, शिक्षा विभाग एवं महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे

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