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सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच एमओयू से उत्तराखंड के किसानों की उन्नति होगी- डा. धन सिंह रावत

देहरादून: सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच का एमओयू से उत्तराखंड के किसानों की उन्नति होगी।

इससे राज्य और राष्ट्र के कृषि, उद्यानिकी और जैविक उत्पादों के विपणन और प्रसंस्करण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए स्थायित्व के साथ-साथ राज्य की खरीद और आपूर्ति को बढ़ाने में मदद करेगा। यह सहकारी क्षेत्र को मजबूत, प्रभावी और सुगम बनाने की संकल्पना को प्रकट करता है, जो अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की विकास नीतियों को बढ़ावा देगा।

डॉ रावत आज रविवार को अपने शासकीय आवास यमुना कॉलोनी देहरादून में कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद बोल रहे थे। एमओयू में कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया एमडी जसकरण सिंह , उत्तराखंड सहकारी संघ की एमडी रमिन्द्री मंद्रवाल के बीच हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर चेयरमैन गुरुप्रताप सिंह चेयरमैन यूसीएफ  मातबर सिंह रावत मौजूद थे

उत्तराखंड सरकार के कोऑपरेटिव मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस मौके पर कहा कि यहां के किसानों जो जैविक उत्पादन कर रहे हैं उनके लिए आज का दिन बहुत अच्छा है। उत्तराखंड सहकारी संघ पहले से ही किसानों से मिलेट्स की खरीद डायरेक्ट कर रहा है। अब हर प्रकार की जैविक चीज उत्तराखंड सहकारी संघ, कृषि विपणन और पर संस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया के साथ मिलकर खरीदेगा। केंद्रीय सहकारी संघ मार्केटिंग भी करेगा और जैविक खेती को बढ़ाने के लिए किसानों, कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी देगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि, इस एमओयू के माध्यम से, कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राष्ट्रीय सहकारी संघ एक संयुक्त संगठन बनाने की मिशन स्थापित करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य यह होगा कि दोनों संघ एक-दूसरे के काम को कोअर्डिनेट करें और प्रतिस्पर्धा को समाप्त करें, ताकि दोनों संघों के ग्राहकों को विभिन्न सेवाओं की अच्छी गुणवत्ता और प्राथमिकता से उत्पाद मिल सके।

इससे सहकारी क्षेत्र को विकसित करने में मदद मिलेगी। यह संयुक्त मेहनत के माध्यम से दोनों संघों के संबंधों को सुदृढ़ करेगा और कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार करने में मदद करेगा। इससे कृषि, उद्यानिकी, और जैविक उत्पादों की प्रभावी खरीद और आपूर्ति प्रणामी की सुविधा मिलेगी, जो केंद्रीय नीतियों का पालन करेगी और सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा  मिलेगा।

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