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मानसून सत्र: चौथे दिन भी जारी रहा विपक्ष का हंगामा, महंगाई पर विपक्षी सांसदों का हंगामा, लोकसभा स्थगित

नई दिल्ली। लगातार तीन दिनों के हंगामे और स्थगन के बाद आखिरकार बृहस्पतिवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल हुआ। इस दौरान मौखिक उत्तरों के लिए सूचीबद्ध 15 में से 13 सवाल लिए गए। हालांकि, सवाल-जवाब के बीच भी विपक्षी सांसदों के महंगाई और जीएसटी जैसे मुद्दों पर शोर-शराबे के कारण 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

इससे पहले भी कामकाज शुरू होते ही करीब एक घंटे तक उच्च सदन ठप रहा। फिर दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य आसन के बिल्कुल नजदीक आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। इनमें से कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी। उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं दिखाने की अपील करते हुए कहा कि यह संसदीय नियमों और गरिमा के खिलाफ है। यह समय प्रश्नकाल का है और इस दौरान किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि, अपनी अपील का कोई असर न होता देख उपसभापति ने करीब 12:25 बजे 10 मिनट के लिए बैठक रोक दी। 

सांसद ने खींची तस्वीरें, उपसभापति ने कहा- यह नियमों के खिलाफ
दो बार के स्थगन के बाद शुरू हुई कार्यवाही के दौरान भी हंगामा नहीं थमा। इस दौरान, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को मोबाइल फोन से राज्यसभा की तस्वीरें लेते देख उपसभापति ने कहा, यहां तस्वीर खींचना या वीडियो बनाना उच्च सदन के नियमों के खिलाफ है।

  • इसी बीच, द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा। लेकिन आसन ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान ऐसा करने का कोई प्रावधान नहीं है।
  • हंगामे के बीच कई सदस्यों ने अपने पूरक सवाल किए और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए। दोपहर एक बजे प्रश्नकाल पूरा होने पर उपसभापति ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

लोकसभा : सरकार ने कहा-विपक्ष की मौजूदगी में हो चर्चा, सदन दिनभर स्थगित
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में विपक्षी सांसदों की मौजूदगी में भारतीय अंटार्कटिक बिल, 2022 पर चर्चा कराने का अनुरोध किया। इसके बाद पीठासीन अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के चलते कई विपक्षी सांसद सदन में मौजूद नहीं थे।

भोजनावकाश के बाद बैठक 2:15 बजे फिर से शुरू होने पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध ‘भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2020’ का उल्लेख किया और कहा कि सदन में सदस्यों खासकर विपक्षी दलों के सदस्यों की उपस्थिति बहुत कम है, ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा उनकी उपस्थिति में होनी चाहिए।

विपक्षी दलों का नहीं थमा शोर
इससे पहले सदन में प्रश्नकाल की शुरुआत कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों द्वारा सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ और अन्य विषयों को लेकर हंगामे के बीच हुई। इसके चलते बैठक को 20 मिनट के लिए स्थगित किया गया। हालांकि 11.30 बजे बैठक फिर  शुरू हुई तो प्रश्नकाल शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इसके बाद शून्यकाल में सदस्यों ने शांतिपूर्ण माहौल में अपने-अपने विषय रखे। हालांकि इस दौरान सदन में कांग्रेस सांसद नजर नहीं आए। सोमवार से शुरू हुए मानसून सत्र में इससे पहले तीन दिन तक विपक्षी सदस्यों के शोरशराबे के कारण कार्यवाही बाधित रही थी।

भारतीय अंटार्कटिक बिल महत्वपूर्ण, चर्चा जरूरी
निचले सदन में इस दौरान विपक्ष के काफी सदस्य मौजूद नहीं थे और कई सदस्य सोनिया गांधी से धनशोधन मामलों में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के विरोध में बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। सिंह ने कहा कि भारतीय अंटार्कटिक बिल में कई ऐसे पहलू हैं जो सभी के ध्यान में आने चाहिए। विधेयक पेश तो पहले ही किया जा चुका है, लेकिन अब इस पर चर्चा होनी है। उन्होंने आसन से अनुरोध किया कि बिल पर प्रस्तावित चर्चा को टाल दिया जाए। इस पर पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने सदन की रजामंदी पर बाद में चर्चा होने की सूचना देते हुए सदन की कार्यवाही अपराह्न 2.20 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

वीरेंद्र हेगड़े ने राज्यसभा सांसद के रूप में ली शपथ
नई दिल्ली। हाल ही में राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए डॉ. डी वीरेंद्र हेगड़े ने बृहस्पतिवार को शपथ ली। उन्हें पूर्व धाविका पीटी उषा, संगीतकार इलैयाराजा और पटकथा लेखक केवी विजयेंद्र प्रसाद के साथ उच्च सदन के लिए नामित किया गया है। कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले हेगड़े पांच दशकों से समर्पित परोपकारी हैं। उन्होंने विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परिवर्तनकारी पहलों का नेतृत्व किया है।

हाल में किसी भी प्रजाति को विलुप्त घोषित नहीं किया गया : भूपेंद्र
भारत में जंगल में रहने वाले जीवों की सुरक्षा और संरक्षण का नतीजा है कि हाल के दिनों में किसी भी प्रजाति को विलुप्त घोषित नहीं किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 तहत नियमों के उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान करता है। भारत में पाई जाने वाली दुर्लभ और लुप्त प्राय प्रजातियों में बाघ, हिम तेंदुआ, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, गंगा डॉल्फिन, डुगोंग हैं। इन्हें संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

बाढ़ ने 2020 में 1365 की ली जान, 2.66 करोड़ लोग प्रभावित
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में कहा कि वर्ष 2020 में देश में बाढ़ से 2.666 करोड़ लोग प्रभावित हुए और हादसों में 1365 लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि 21,190 करोड़ की फसलें, घर और सार्वजनिक सुविधाओं को नुकसान पहुंचा। 2019 में 4.63 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए और इसमें 2754 लोगों की जान गई। 15,863 करोड़ की फसलों, घरों को नुकसान पहुंचा।

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