उत्तराखण्डराजनीति

क्या निकाय चुनाव से डर गई भाजपा सरकारः कांग्रेस

9 दिन बाद भी सबसे बड़ी डकैती की जिम्मेदारी फिक्स नहीः धस्माना
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर किया जबरदस्त प्रहार
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस निकाय चुनाव और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रेसवार्ता के बाद कांग्रेसियों ने सरकार का पुतला भी दहन किया।
धस्माना ने तीन ज्वलंत विषयों पर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य की धामी सरकार बताए कि राज्य गठन की 23 वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित देश की सर्वाेच्च संविधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति की उपस्थिति में घटित सबसे बड़ी डकैती, क्या सुरक्षा में चूक का मामला नहीं है।और वो भी तब जब उसी शाम देश के केंद्रीय गृह मंत्री जो स्वयं सबसे ज्यादा हाई रिस्क सुरक्षा श्रेणी के हैं देहरादून पधार रहे थे उनकी सुरक्षा में छेद नहीं है, क्योंकि इन दोनों महानुभावों के उपस्थिति वाले स्थान की स्थानीय सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के साथ साथ देश की खुफिया एजेंसियां भी सुरक्षा के इंतजामात की जिम्मेदार होती हैं और ऐसे में शहर के बीचों बीच पुलिस मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर इतनी बड़ी आपराधिक घटना घटित हो जाए तो क्या यह राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर कलंक नहीं है। 9 दिन बीत जाने पर भी अभी तक इसके लिए किसी की जिम्मेदारी फिक्स न किया जाना सरकार की अकर्मण्यता दर्शाता है।
राज्य में नगर निकाय चुनाव टालने की नगर विकास मंत्री की घोषणा का जिक्र करते हुए धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार ने जिस प्रकार से स्मार्ट सिटी के नाम पर सैंकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला किया और राज्य भर के शहरी क्षेत्रों में विकास की उपेक्षा की उससे सरकार जनता की नाराजगी के डर से निकाय चुनाव टाल रही है। उन्होंने कहा कि पहले समय पर चुनाव कराने का दम भरने वाली सरकार अब स्वयं ही चुनाव टालने के बहाने बना कर निकायों में प्रशासक तैनात करने की घोषणा कर रही है।
उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राज मार्ग में सिलक्यारा सुरंग आपदा के बारे में धस्माना ने धामी सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की परियोजना के तहत राष्ट्रीय राज मार्ग पर सुरंग बन रही है लेकिन आपदा घटित होने के तत्काल बाद आपदा प्रबंधन का काम अपने हाथों में लेने की बजाय पांच दिनों का समय बर्बाद कर दिया गया और अब 120 घण्टे बाद जब रेस्क्यू का काम केंद्रीय एजेंसियों की देख रेख में हो रहा है तब फंसे हुए श्रमिकों के बारे में उनके परिजनों साथी श्रमिकों व राज्य भर के लोगों के मन में उनकी कुशलसेम के बारे में चिंता बढ़ रही है। धस्माना ने कहा कि सरकार ने 2019 में चमोली के रैणी में धौली गंगा में निर्माणाधीन सुरंग हादसे से भी सबक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि राज्य भर में निर्माणाधीन सभी छोटी बड़ी सुरंगों का डीपीआर के साथ ही सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए और जब हम ऋषिकेश से लेकर कर्णप्रयाग तक रेलवे की दर्जनों सुरंगें बना रहे हैं साथ ही आल वेदर रोड में भी अनेक सुरंगों का निर्माण हो रहा है व राज्य में निर्माणाधीन पन बिजली परियोजनाओं में भी टनल बनाई जा रही हैं ऐसे में राज्य में सुरंगों में सम्भावित आपदाओं के मद्देनजर विशेषज्ञ इंतज़ाम होने चाहिएं जो नहीं हैं। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार के पास इन गंभीर मुद्दों का कोई जवाब नहीं है। पत्रकार वार्ता में महनागर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, मनीष नागपाल व मंजू त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

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