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Indian Air Force : 4 मई को हुई दुर्घटना के बाद लिया गया फैसला, ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर के संचालन पर रोक

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ के दूर-दराज इलाके में सेना का ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था। इसमें तीन लोग सवार थे। तीनों जख्मी हुए। उन्हें इलाज के लिए उधमपुर के सैन्य अस्पताल ले जाया गया था।

सेना का ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर चार मई को जम्मू-कश्मीर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अब रक्षा अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर ध्रुव हेलीकॉप्टर के संचालन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। गौरतलब है, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टरों से जुड़ी दो दुर्घटनाओं के बाद से यह हेलिकॉप्टर मैदान में ही खड़े हैं। इन हेलिकॉप्टरों को उड़ान भरे करीब एक महीने से अधिक का समय हो गया है।

4 मई को हुआ था हादसा

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ के दूर-दराज इलाके में सेना का ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था। इसमें तीन लोग सवार थे। तीनों जख्मी हुए। उन्हें इलाज के लिए उधमपुर के सैन्य अस्पताल ले जाया गया था।

मामले को लेकर सेना की तरफ से आए बयान में कहा गया था कि गुरुवार को करीब सवा ग्यारह बजे ऑपरेशनल मिशन पर रवाना हुए ध्रुव हेलीकॉप्टर ने किश्तवाड़ की मरुआ नदी के तट पर लैंडिंग के दौरान हादसे की चपेट में आया था। जानकारी के मुताबिक, पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) को तकनीकी खराबी की सूचना दी थी। इसके तुरंत बाद बचाव अभियान मौके पर रवाना हुआ। सेना की बचाव टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। विमान में दो पायलट और एक टेक्नीशियन सवार थे। तीनों घायल कर्मियों को उधमपुर के सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं

गौरतलब है कि 16 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला चीता हेलीकॉप्टर एटीसी से संपर्क टूटने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना में दोनों पायलटों लेफ्टिनेंट कर्नल विनय बानू रेड्डी और मेजर जयंता ए की मौत हो गई। इस मामले में हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।

 

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