उत्तराखंड के जंगलों में सीजन के सर्वाधिक124 स्थानों पर लगी आग
देहरादून: प्रदेश के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में जंगलों में लगी आग कहर बरपा रही है। मंगलवार को इस फायर सीजन के सर्वाधिक आंकड़े सामने आए हैं। प्रदेश में कुल 124 स्थानों पर जंगलों में आग की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। एक व्यक्ति के आग में झुलसने की सूचना है। वन विभाग इसके आगे विवश नजर आ रहा है। अब विभाग ने जिलों से मदद मांगी है। इसी कड़ी में मंगलवार को कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को समन्वय बनाकर आग की घटनाओं में कमी लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय की ओर से मंगलवार शाम चार बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में प्रदेश में वनाग्नि की 124 घटनाएं रिपोर्ट की गईं। गढ़वाल में आरक्षित वन क्षेत्र में 55, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में तीन, कुल 58 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं, कुमाऊं क्षेत्र में आरक्षित वन क्षेत्र में 46, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 15, कुल 61 घटनाएं दर्ज की गईं। इसी तरह से संरक्षित वन्य जीव पार्कों में भी वनाग्नि की पांच घटनाएं रिपोर्ट की गई। वनाग्नि की इन घटनाओं में कुल 253 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जबकि छह लाख 40 हजार से अधिक की आर्थिक क्षति का आकलन किया गया है।
पूरे फायर सीजन की बात करें तो इस वर्ष अब तक वनाग्नि की कुल 1216 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें गढ़वाल में 523, कुमाऊं में 625 और संरक्षित वन्य जीव क्षेत्र की 68 घटनाएं शामिल हैं। इनमें 1872 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जबकि 50 लाख रुपये से अधिक की आर्थिकी क्षति का आकलन किया गया है। वहीं, चार लोगों के घायल होने के साथ एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है।
गढ़वाल आयुक्त ने इसके लिए ग्राम पंचायतों के साथ ही सिविल सोसाइटी की मदद लेने के लिए भी कहा। डीआईजी गढ़वाल को आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा फायर बजट, दूसरे उपकरणों की उपलब्धता, फायर कर्मियों की जरूरतों के सामान आदि विषयों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही एनडीआरएफ की मदद लेने को भी कहा गया।
बैठक में सीसीएफ गढ़वाल सुशांत पटनायक, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त धीरज पांडेय, वन संरक्षक गढ़वाल वृत्त एनएन पांडेय, मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा, सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी और नोडल प्रभागीय वनाधिकारी मौजूद रहे।