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प्रदेश के 670 एमपैक्स में से 108 का कंप्यूटरीकरण होने से किसान को मिलेगा लाभ

देहरादून। उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि देश में सबसे पहले उत्तराखंड की जमीन पर गांव और न्याय पंचायत स्तर पर बहुद्देशीय सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण का सपना देखा था , वह सपना आज पूरा हो रहा है। 13 लाख सदस्यों का डाटा 2 साल में कलेक्ट करना बड़ी चुनौती पूर्ण कार्य था । जिसे समय पर  पूरा किया गया।  रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 108 एमपैक्स के कम्प्यूटरीकरण का शुभारम्भ व मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ लि. के संयुक्त उद्यम टोटल मिक्स राशन (टीएमआर) की छरबा इकाई का शिलान्यास अवसर पर डॉ. रावत ने बताया कि 670 समितियों के कंप्यूटराइजेशन करने के लिए बीते 6 साल में 100 से अधिक समीक्षा बैठक ली गई और तमाम तकनीकी विशेषज्ञों से सार्थक बात की, इसमें नाबार्ड को शामिल किया गया। समय समय पर एम पैक्स का भ्रमण , गांव स्तर पर डिजिटल प्लेटफार्म की समीक्षा, उनकी कड़ी मेहनत, लग्न, लक्ष्य का ही नतीजा है कि देश में पहले राज्य उत्तराखंड में ग्रामीणों को कंप्यूटराइजेशन की सौगात मिलने जा रही है। 

उत्तराखण्ड राज्य के सहकारिता विभाग के एमपैक्स समिति सदस्यों की संख्या लगभग 13 लाख है। आज 108 एमपैक्स का कम्प्यूटरीकरण होने से करीब दो लाख से अधिक लोगों के खातें डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गए हैं। इसके फलस्वरूप राज्य के 5 लाख से अधिक ग्रामीण जन लाभान्वित हो सकेंगे। उत्तराखंड राज्य की 108 बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति (एमपैक्स) का रविवार को ऑन लाइन कम्प्यूटरीकरण किया गया है। शेष 562 एमपैक्स का कम्प्यूटरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। राज्य में कुल 670 एमपैक्स हैं।

108 एमपैक्स को कंप्यूटराइज्ड होने से किसानों को फायदा मिल रहा है। कंप्यूटराइज्ड होने के बाद पैक्स उर्वरक, बीज आदि जैसे कृषि इनपुट के प्रावधान के लिए सरकार की यह कोशिश बैंकिंग गतिविधियों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग गतिविधियों के केन्द्र के रूप में एमपैक्स की पहुंच बेहतर हो गई है। उत्तराखंड राज्य में 108 समितियों को किया जा चुका है ऑनलाइन उत्तराखंड में कृषि सेक्टर में छोटे और सीमांत किसानों को मजबूत करने के लिए पैक्स एक बड़ी योजना है- पैक्स यानी प्राथमिक कृषि समितियां जो देशभर में किसानों को ऋण देने के लिए सबसे छोटी इकाई हैं और किसानों को इसके माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है-पारदर्शिता के लिए इन समितियों को ऑनलाइन किया जा रहा है- तकरीबन 108 समितियां ऐसी हैं जिन को अब तक ऑनलाइन किया जा चुका है- इसके लिए उत्तराखंड देश के सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है-अगस्त 2020 से ही प्रदेश के सभी बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को कंप्यूटरीकृत करने पर काम चल रहा है। समितियों के खातें आनलाइन किये जाने की व्यवस्था सुगमतापूर्वक की जा सकेगी। एमपैक्स कम्प्यूटरीकरण से बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में जमा सदस्यो / ग्रामीणों की पूँजी सुरक्षित हो सकेगी साथ ही जमा एवं निकासी आसान हो सकेगी।

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