पिछले 10 वर्षों में लोकतंत्र-संविधान को गंभीर चोट पहुंचाई गईः चयनिका उनियाल
पिछले दस साल-अन्याय काल’ विषय पर गरजी कांग्रेस
देहरादून। भाजपा सरकार की और से पिछले 10 वर्षों में किये गये गंभीर अन्याय ने हमारे लोगों, हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान को गंभीर चोट पहुंचाई है। जहां बेतहाशा बेरोजगारी ने हमारे युवाओं के सपनों और भविष्य को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया है वहीं कमरतोड़ महंगाई ने हमारे गरीबों और मध्यम वर्ग की मेहनत की कमाई को नष्ट कर दिया है।
यह बात गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता व उत्तराखण्ड मीडिया प्रभारी चयनिका उनियाल ने कांग्रेस कार्यालय में केन्द्र की भाजपा सरकार के दस साल के कार्यकाल की विफलताओं पर ‘पिछले दस साल-अन्याय काल’ विषय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
चयनिका उनियाल ने कहा कि आज आय की असमानता चरम पर है। मुट्ठी भर अरबपति व धनकुबेर वर्तमान व्यवस्था पर शासन करते हैं और सरकार को अपने हाथों की कठपुतली बनाते हैं। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीबों के साथ भेदभाव व अत्याचार किया गया है। किसानों के साथ पग-पग पर धोखा हुआ है। महिलाओं के खिलाफ पूरे देश में अपराध अपने चरम पर हैं। भाजपा सरकारों की और से अपराधियों का महिमामंडन किया जा रहा है। सभी स्वायत्त लोकतान्त्रिक संस्थाओं का गला घोंट कर उन्हें अधीन कर दिया गया है। विपक्ष के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आईटी का इस्तेमाल करना सामान्य बन गया है। पूरे विपक्ष को संसद से निलंबित करके कानून बनाये जाते हैं। चीन की घुसपैठ को क्लीन चिट देकर राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाला गया है।
उनियाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के अन्यायों की लंबी सूची ने भारत के लोगों को भारी कष्ट सहने पर मजबूर कर दिया है। कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा गया, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर में विपक्ष के नेतृत्व वाली राज्य सरकारें तब गिराई गईं जब भाजपा ने विधायकों को पाला बदलने के लिए उकसाने के लिए ज़बरदस्त धनबल और ईडी और सीबीआई द्वारा जांच की धमकियां दीं। 2014 के बाद से ईडी और सीबीआई की 95 प्रतिशत जांच विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ हुई है। यही नहीं भारत के चुनाव आयोग को दंतहीन बना दिया गया है। देश की आपराधिक प्रक्रियाओं को बदलने वाले 3 विवादास्पद कानूनों को बदलने के लिए संसद से जबरन 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। उनियाल ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा-आरएसएस नहीं चाहते कि भारत के लोग वास्तविकता देखे। लेकिन भारत को अब एहसास हो गया है कि वह हमारे नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के माध्यम से आगामी 2024 चुनावों में एक साथ मिलकर शक्तिशाली तरीके से अपनी आवाज उठाएगा। भारत लड़ेगा-न्याय का हक मिलने तक।
बेरोज़गारी दर 45 वर्ष में सबसे अधिक
देहरादून। चयनिका उनियाल ने कहा कि भारत में आज बेरोजगार लोगों की संख्या तीन गुना हो गई है, 1 करोड़ (2012) से 4 करोड़ (2022) तक। आज देश में बेरोजगारी दर 45 वर्ष में सबसे अधिक है। तीन में से एक ग्रेजुएट नौकरी की तलाश में है, लेकिन नहीं मिल रही है। महंगाई की मार से बचत नष्ट हो रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी, आटा, दाल, चावल, खाना पकाने का तेल, दूध सब कुछ महंगा हो गया है। खेती और किसानों से धोखा किया जा रहा है।
मोदी सरकार जाति जनगणना से क्यों भाग रही
देहरादून। कमजोर वर्गों (एससी एसटी ओबीसी, अल्पसंख्यक) के खिलाफ भेदभाव, कोई जाति जनगणना नहीं। वर्ष 2013 के बाद से दलितों के खिलाफ अपराध में 46.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013 के बाद से आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 48.15 फीसदी की वृद्धि हुई है (एनसीआरबी) उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जाति जनगणना से क्यों भाग रही है?। एनसीआरबी से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध आज सबसे अधिक है, 2022 में हर घंटे 51 एफआईआर दर्ज की गईं। भाजपा बलात्कारियों को रिहा करती है। बृजभूषण शरण सिंह, कुलदीप सेंगर जैसे आरोपियों और अपराधियों को बचाती है। मोदी सरकार के अनियोजित लॉकडाउन के कारण 4 करोड़ गरीब प्रवासियों को पैदल चलना पड़ा। कोरोना की विनाशकारी डेल्टा लहर जिसने परिवारों को तोड़ दिया और शवों को गंगा में तैरते हुए छोड़ दिया।
चीनियों को क्लीन चिट देना सैनिकों का अपमान
देहरादून। चयनिका उनियाल ने कहा कि पीएम मोदी ने 19 जून 2020 को अपने बयान ‘ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई
घुसा हुआ है’ के साथ चीनियों को क्लीन चिट दे दी। यह हमारे सैनिकों का गंभीर अपमान था। 18 दौर की सैन्य वार्ता के बाद हमारे रुख को कई तरह से नुकसान पहुँचाया और 2,000 वर्ग किमी के नए भारतीय क्षेत्र पर चीनी नियंत्रण जारी रखने में योगदान दिया। पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने खुलासा किया कि अग्निपथ योजना को प्रधानमंत्री द्वारा सशस्त्र बलों पर थोपा गया था, जिसने हमारी सुरक्षा को कमजोर कर दिया है। सामान्य स्थिति के कई खोखले वादों के बावजूद, कश्मीर में हमारे सैनिकों पर आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ रही है।