उत्तराखण्ड

सहकारिता विभाग 31 हज़ार मृत बकायादार किसानों का ब्याज करेगा माफ़

मूल धनराशि करनी होगी जमा , मंत्री 49 करोड़ का ब्याज किया जाएगा माफ़

.राज्य में एकमुश्त समाधान योजना शुरू, ब्याज का 40 फीसद सहकारी बैंक व 60 फीसद सहकारी समिति वहन करेंगी

देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा है कि सहकारी समितियों के 31221 मृतक बकायादार किसानों के 74 करोड़ 18 लाख 28 हजार मूलधन का ब्याज 49 करोड़ 22 लाख 67 हजार रुपए माफ किया जाएगा। मूलधन जमा करने के लिए एकमुश्त समाधान योजना शुरू की गई है।

राज्य समेकित विकास परियोजना निदेशालय राजपुर रोड देहरादून में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सहकारी समितियों के मृतक बकायेदारों के आश्रितों लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि साठ के दशक से एम पैक्स के 31221 बकायेदार किसानों के सरकार ने 49 करोड़ 22 लाख ₹67 हज़ार ब्याज के माफ कर दिए हैं। उन्होंने कहा मूल धन 74 करोड़ 18 लाख 28 हज़ार रुपए, 30 सितंबर तक मृतकों के आश्रितों जमा कर सकेंगे। एम पैक्स में पहली बार ओटीएम स्कीम का शुभारंभ किया गया। जिन मृतक बकायेदार के वारिस, रिश्तेदार इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक होंगे वे मूल बकाया की राशि को जमा करने पर उनके खाते में लगा ब्याज 100 प्रतिशत माफ़ किया जाएगा।

डॉ रावत ने कहा कि सहकारिता विभाग के अधिकारी सहकारी समितियों में इस एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) पर पिछले 6 माह से काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने मृतक बकायेदारों के परिजनों से इस बारे में बात की थी, जिसमें सरकार ने ब्याज माफी का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस ब्याज को जिला सहकारी बैंक 40% और सहकारी समितियां 60% वहन करेंगी।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि ऐसी समितियां चुनाव में डिफॉल्टर हो जाती थी उनका प्रयास है कि सभी समितियों में पारदर्शिता से चुनाव हो। सहकारिता विभाग का लक्ष्य है कि सहकारिता विभाग इस बार 2 लाख नए सहकारी सदस्य बनाएगा। उन्होंने कहा कि, प्रदेश में 12 लाख कुल सहकारी सदस्य हैं और जब से उन्होंने सहकारिता विभाग का कार्यभार संभाला है तब से 5 लाख नए सदस्य बनाये गए हैं। 2 लाख नए सदस्य बनने के लिए 8010576576 टोल फ्री नंबर मंत्री ने जारी किया। इस नंबर पर मिस कॉल कर नये सहकारी सदस्य बन सकते हैं तथा 108 रुपए समितियों में शुल्क जमा कराकर भी नए सदस्य बन सकते हैं 4000 लोग ऑनलाइन सदस्य बन चुके हैं तथा 2000 लोग समितियों में जाकर सदस्य बने हैं , यह अभियान 50 दिन तक चलेगा। सभी 670 सहकारी समितियों को चुनाव लायक बनाया जाएगा।

मंत्री डॉ रावत ने कहा कि 1 और 2 जुलाई को दिल्ली में पहली बार ऐतिहासिक सहकारिता सम्मेलन हुआ था जिसमें 9 देशों के लोग भी शामिल हुए थे। सहकारिता के महासम्मेलन में 28 साल बाद प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया था, उन्होंने कहा कि केद्रीय सहकारिता मंत्रालय का विजन है कि लोकल से ग्लोबल तक गांव स्तर पर एमपैक्स से लेकर प्रदेश और देश तक सभी जुड़ेंगे। डॉ रावत ने कहा कि कोओपरेटिव अब राष्ट्रीय नीति से संचालित होगा, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय पूरे देश के लिए नया बायोलॉज बना रहा है, 22 राज्यों ने इसकी सहमति दे दी है मॉडल बायलॉज बनने से सहकारिता में और पारदर्शिता आएगी और गांव के किसानों को सीधे लाभ होगा, उन्होंने कहा कि, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह सहकारिता क्षेत्रों को चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने परिवारवाद से किसानवाद पर ले जाने के लक्ष्य दिया है जिस पर हम लोग काम कर रहे हैं । सहकारिता का देश में नया विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है जिसमें सहकारिता से संबंधित ट्रेनिंग और रिसर्च होंगी।

सहकारिता के निबन्धक आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि प्रदेश में पहली बार सहकारिता मंत्री के निर्देश पर सहकारिता विभाग सहकारी समितियों में बकायेदार मृतको के आश्रितों के लिए ओटीएस स्कीम लाई जा रही है जिसमें आश्रितों को ब्याज माफी और मूल धन जामा करने की छूट प्रदान की है।

इस मौके पर सहकारिता विभाग के निबंधक आलोक कुमार पांडेय, डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक टिहरी गढ़वाल के चेयरमैन सुभाष रमोला, राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मनोज पटवाल, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अप निबंधक आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, उपनिबंधक रामिन्द्री मंद्रवाल, उप परियोजना निदेशक श्री राजेश चौहान आदि अधिकारी मौजूद थे।

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