उत्तराखण्ड

पूर्व शासकीय अधिवक्ता धोखाधड़ी के मामले में घूस लेते पकड़े गए, सात साल की जेल

देहरादून। धोखाधड़ी के सात साल पुराने एक मामले में 5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए पूर्व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) अशोक उभान को कोर्ट ने सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। स्पेशल जज विजिलेंस ने उभान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी को कोर्ट परिसर से हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।

एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल के अनुसार दिसंबर 2016 में प्रेमनगर निवासी वेद गुप्ता ने अशोक उभान के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार वेद गुप्ता को धोखाधड़ी के एक मुकदमे में लोअर कोर्ट से तीन साल की सजा हुई थी। इसके खिलाफ उन्होंने अपर जिला जज की कोर्ट में अपील की थी। यहां पर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक उभान थे। ऊभान ने वेद गुप्ता से सजा खत्म कराने की बात कही थी और इसके बदले सात लाख की डिमांड की थी,5 लाख में बात तय हुई।

उधर, वेद प्रकाश गुप्ता ने उभान की शिकायत विजिलेंस से की। वेद की शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने ट्रैप की तैयारी कर ली। विजिलेंस की टीम अशोक उभान के चैंबर में पहुंची तो वहां पर वह नोट गिन रहे थे। उन्हें वहां रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। उभान को आठ माह बाद जमानत मिली। एसपी विजिलेंस ने बताया कि उभां के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे में कुल आठ गवाह पेश किए गए। इनके आधार पर स्पेशल विजिलेंस जज अंजलि नौनियाल की अदालत ने उभान को सात साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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