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अंकिता की अंतिम विदाई: गम-गुस्सा और आंसू के साथ विदा हुई अंकिता, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक आक्रोश

श्रीनगर: श्रीनगर में पूरे दिन चले हंगामे के बाद शाम छह बजे अंकिता को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। अंकिता की हत्या से आक्रोशित लोगों ने प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद शाम तक शव को मोर्चरी से बाहर नहीं निकालने दिया। इस दौरान कई बार लोगों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। कई बार माहौल बेहद तनावपूर्ण भी हो गया।

लोग पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने, परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देना और अंकिता के भाई को नौकरी देने की मांग कर रहे थे। बाद में मुख्यमंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद अंकिता के पिता बीरेंद्र भंडारी ने लोगों से तीसरी बार विरोध-प्रदर्शन खत्म करने की अपील की। इसके बाद ही अंकिता का अंतिम संस्कार हो पाया।

अंकिता के शव को शनिवार देर शाम सात बजे मेडिकल कॉलेज श्रीनगर लाया गया। रविवार को सुबह आठ बजे अंतिम संस्कार होना था लेकिन सुबह ही छात्र और भारी संख्या में मोर्चरी पहुंच गए। वहीं, डाक बंगले में ठहरे अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और अन्य परिजनों ने विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कही। इससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। उन्हें मनाने के लिए वार्ताओं का दौर चल ही रहा था कि सुबह 11 बजे लोगों ने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोर्चरी के सामने जाम लगा दिया।

लगभग डेढ़ बजे अंकिता के पिता ने जाम खोलने की अपील की लेकिन लोग नहीं माने। इसके बाद करीब पौने तीन बजे डीएम और शाम लगभग चार बजे अंकिता के पिता ने दोबारा लोगों से अपील की। लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच लोगों को सूचना मिली कि प्रशासन शव को अंत्येष्टि के लिए ले जा रहा है तो वे मोर्चरी के आगे लेट गए। पूरे दिन चली जद्दोजहद के बाद शाम साढ़े पांच बजे अंकिता के पिता एक बार फिर लोगों के सामने आए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने फोन पर सभी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने लोगों से अंतिम संस्कार होने देने की अपील की। इस पर लोग वहां से हट गए और पुलिस एंबुलेंस में शव को अंतिम संस्कार के लिए आईटीआई घाट ले गई। इस दौरान कुछ लोगों ने वाहन को रोकने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया। शाम लगभग छह बजे कड़ी सुरक्षा के बीच बड़े भाई अजय ने अंकिता को मुखाग्नि दी।

बेटी के लापता होने के बाद से ही अंकिता की मां सदमे में है। रविवार को अंकिता की मां सोनी देवी उसके अंतिम दर्शन के लिए श्रीनगर पहुंची। जहां वह डाक बंगले में बेहोश हो गई। तबियत बिगड़ने पर मेडिकल कालेज श्रीनगर के डॉक्टरों की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया’

अंकिता हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल ज़िंदा हैं’

अंकिता की हत्या पर उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन का हो रहा है. उत्तराखंड में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को कई घंटों तक जाम रखा. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आरोपियों को फांसी की सजा मिले.

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