आम आदमी पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंकी
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा के राजनीतिक अखाड़े में जहां भाजपा इतिहास बनाने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पूरा दम झोंककर खुद को विपक्ष का असली दावेदार साबित करने में जुटी है। लेकिन जिस तरह हालात बदलने लगे हैं उसमें दोनों दलों को अपने अपने मजबूत गढ़ राजस्थान और दिल्ली में मशक्कत के लिए जूझना पड़ सकता है। दो दिन पहले ही दिल्ली नगर निगम चुनाव का ऐलान हो चुका है और चाहे अनचाहे आप के स्टार प्रचारकों को दिल्ली की जमीन संभालने के लिए मशक्क करनी होगी।
पंजाब विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत ¨सह मान समेत तमाम बड़े नेता लगातार गुजरात दौरे पर हैं और बड़े वादे किए जा रहे हैं। लेकिन यह आगे कितना संभव होगा यह कहना मुश्किल है।
पिछले 27 साल से भाजपा के हाथों कांग्रेस की हार को देखते हुए आप को गुजरात में प्रदर्शन और इसी बहाने विपक्षी नेतृत्व का प्रबल दावेदार बनाने की संभावनाएं दिखी और इसी कारण हिमाचल प्रदेश में सक्रियता कम कर दी। लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली नगर निगम चुनाव की घोषणा से आप को अपनी प्राथमिकता नए सिरे से तय करनी पड़ सकती है।
अपने मुख्य गढ़ में आप निकाय चुनाव में भाजपा के खिलाफ पूरी तैयारी से लड़ना मजबूरी है। जाहिर है इससे आप की चुनावी संसाधनों का दो भागों में बंटना स्वाभाविक है और इसका असर दोनों चुनावों में दिख सकता है।