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योगी आदित्यनाथ सरकार के 100 दिन पूर्ण, इन लक्ष्यों को किया पूरा तो ये रह गए अधूरे

लखनऊ: मुख्यमंत्री द्वारा नगर विकास को दिए गए 100 दिन के लक्ष्य के अधिकतर काम तय समय सीमा से पहले ही पूरे हो चुके हैं। विभाग को दिए गए 24 काम में से 22 काम पूरे हो चुके हैं जबकि 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या दोगुना करने और सिटी बस सेवा के लिए मोबाइल एप तैयार करने का काम अभी अधूरा है। हालांकि विभाग का कहना है कि बचे दो कार्यों के 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरे हो चुके हैं।

ये हुए प्रमुख काम
अमृत योजना के तहत पेयजल की 19 परियोजनाएं
नगर निकायों में 280 पिंक टायलेट का निर्माण
सभी 12022 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का काम शुरू
स्मार्ट सिटी वाले शहरों में 50 परियोजनाओं का काम प्रारंभ
स्मार्ट सिटी में निर्माणाधीन 75 परियोजनाओं का काम पूर्ण
प्रदेश स्तरीय स्मार्ट सिटी सेंट्रल डिजिटल मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना
केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चयनित 17 स्मार्ट सिटी वाले जिलों के 102
निकायों को गोद लेने का काम
पीएम स्वनिधि योजना में 84148 स्ट्रीट वेंडरों को ऋण वितरण

ये काम रह गए अधूरे

  • 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या दोगुना करना 
  • सिटी बस सेवा के लिए एप विकसित करने का काम

शिक्षा में कई लक्ष्य पूरे, कुछ अंतिम चरण में

रोजगार, अप्रेंटिसशिप व प्लेसमेंट मेले के आयोजन लक्ष्य से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक से लेकर उच्च, व्यावसायिक व प्राविधिक शिक्षा के लिए तय किए गए अधिकांश लक्ष्य पूरे हो गए हैं तो कहीं कुछ पूरे होने के करीब हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई से शैक्षिक संस्थाएं खुलने के कारण शेष बचे कार्य रफ्तार पकड़ने लगे हैं। वहीं, रोजगार, अप्रेंटिसशिप व प्लेसमेंट मेलों के आयोजन लक्ष्य से अधिक हुए हैं।

लक्ष्य दो करोड़, नामांकन 1.88 करोड़

वर्तमान सत्र 2022-23 में परिषदीय स्कूलों में दो करोड़ बच्चों के नामांकन का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष 1.88 करोड़ बच्चों का नामांकन हो गया है। ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलने के साथ ही नामांकन का काम जारी है। दूसरा लक्ष्य नामांकित सभी विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत आधार पंजीकरण कराना था। इसके तहत 1.66 करोड़ बच्चों का आधार पंजीकरण हो गया है।

डिजिटल शिक्षा की दिशा में लगभग सभी कार्य पूरे

माध्यमिक विद्यालयों में सभी विद्यार्थियों की वेबसाइट, ई-मेल आईडी बनाए जाने व राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। ई-मेल आईडी व वेबसाइट भी लगभग तैयार हैं। इन सभी की क्रियाशीलता परखी जा रही है। 41 हाईस्कूल, 18 इंटर कॉलेज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

भर्ती प्रक्रिया हुई तेज, नए महाविद्यालय बने

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। नए महाविद्यालय भी तैयार हो गए हैं। ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए जाने, निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े कार्य अभी चल रहे हैं। ई-लर्निंग पार्क व इनक्यूबेटर्स की शुरुआत के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।

हर माह हो रहे प्लेसमेंट

प्रस्तावित लक्ष्यों में अधिकारी सभी पूरे होने का दावा कर रहे हैं। विश्वकर्मा तकनीकी उन्नयन कार्यक्रम के शुभारंभ के तहत स्मार्ट डैस बोर्ड की स्थापना व लोकार्पण हो गया है। प्लेसमेंट सेल की स्थापना व प्रत्येक माह की 21 तारीख को प्लेसमेंट-डे का आयोजन हो रहा है। 8 हजार युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत 10 हजार युवाओं को अप्रेंटिसशिप कराने का लक्ष्य था जबकि 30 जून तक 10 हजार से अधिक युवाओं को इससे जोड़ दिया गया है।

अस्पतालों में सस्ती दर पर सुविधाएं बढ़ीं ,दवाई व डॉक्टरों की कमी अब भी चुनौती

सरकारी अस्पतालों के मोर्चे पर विभाग काफी हद तक कामयाब भी रहा है लेकिन दवाओं और डॉक्टरों की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसी को देखते हुए अगले छह माह में डॉक्टरों के खाली पद भरने का लक्ष्य रखा गया है। डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिए गए हैं लेकिन जन औषधि केंद्रों पर सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

नर्सिंग में प्रवेश के लिए नीट

नीट के जरिए नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 14 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण अंतिम दौर में है। पीपीपी मॉडल पर चलने वाले 16 मेडिकल कॉलेजों में दो तय कर लिए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 600 सीटें बढ़ाई गई हैं। पीजी की 725, नर्सिंग की 2400 और पैरामेडिकल की 600 सीट बढ़ाई गई है।

आयुष : औषधीय खेती को बढ़ावा

गोरखपुर में स्थापित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि से आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों की संबद्धता शुरू कर दी गई है। किसानों को औषधियों की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का भी लक्ष्य रखा गया था। इसकी कार्ययोजना केंद्र को भेजी जा चुकी है।

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