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जगदीप धनखड़ होंगे उप राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार

नई दिल्ली: भाजपा नीत एनडीए गठबंधन ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का एलान कर दिया है। पार्टी ने नाम का खुलासा करते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनखड़ होंगे। इससे पहले दिल्ली में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित थे। इसी बैठक में उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के नाम पर मुहर लगाई गई।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा और NDA उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी किसान पुत्र जगदीप धनखड़ जी को घोषित करती है। जगदीप धनखड़ जी पश्चिम बंगाल के अभी गर्वनर हैं और लगभग तीन दशक तक सार्वजनिक जीवन में  काम किया है। नड्डा ने अपने बयान में उन्हें किसान का बेटा और जनता का राज्यपाल कह कर संबोधित किया।

राजग के पास पर्याप्त संख्याबल
उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए भाजपा की अगुवाई वाले राजग के पास पर्याप्त संख्याबल है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति चुनाव की तरह इस चुनाव में भी भाजपा को कुछ गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों, जैसे बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन मिलने का भरोसा है। 

छह अगस्त को चुनाव
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना पांच जुलाई को जारी हो चुकी है। उम्मीदवार इसके लिए 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। चुनाव के लिए आयोग ने छह अगस्त की तारीख तय की है। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है। 

राष्ट्रपति चुनाव से कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

  • संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है।  संसद के दोनों सदनों के सदस्य इसमें हिस्सा लेते हैं। हर सदस्य केवल एक वोट ही डाल सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है। 
  • मनोनीत सांसद भी डाल सकते हैं वोट: राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है। उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसे सदस्य भी वोट कर सकते हैं। इस तरह से देखा जाए तो उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं। इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य वोट करते हैं। इस तरह से इनकी कुल संख्या 790 हो जाती है।

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