उत्तराखण्ड

संगीत मे यहां बहुत सम्भावना, प्रतिभा तराशने की जरूरतः बंशीधर तिवारी

देहरादून। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि संगीत नाद ब्रह्म से उत्पन्न ईश्वरीय तत्त्व है। उत्तराखंड के
विद्यालयी शिक्षा के शिक्षकों के प्रदर्शन को देखकर लग रहा है संगीत मे यहां बहुत सम्भावना है। आवश्यकता इस बात है कि शिक्षकों से विद्यमान प्रतिभा छात्रों तक पहुंचे। शास्तीय गायन मे मनोज थापा राइका रूद्रप्रयाग प्रथम, अंकित पाण्डेय श्रीकृष्ण मर्चेन्ट इका ऊधमसिंह नगर द्वितीय, मीनाक्षी उप्रेती राइका. रानीखेत तृतीय स्थान प्राप्त किया। सुगम गायन मे डिम्पल जोशी राबाइ का. हल्द्वानी प्रथम, दिनेश चन्द्र पाठक राइका लैंसडाउन द्वितीय, दिनेश पाण्डेय राइका आठगांव पिथौरागढ़ तृतीय स्थान प्राप्त किया। लोकगायक मे नीतू रावत राबाइका बनभूलपुरा नैनीताल प्रथम, बबिता राइका न्यूनी टिहरी, उम्मेद लालरा इका. किमाडा दान कोट तृतीय स्थान प्राप्त किया। शास्त्रीय वादन मे कैलाश चन्द्र पाण्डेय राइका. महतगांव अल्मोड़ा प्रथम, हर्षवर्धन भट्ट राइका. जगतेश्वर पौडी द्वितीय, गोपाल चन्द जोशी राइका. पटवागांव नैनीताल तृतीय स्थान पर रहें। सुगम वादन मे मुरली मनोहर उप्रेती राइका. ल्वाणी चमोली प्रथम, मनोज हटवाल राइका. बराशकुण्ड चमोली द्वितीय, चन्द्रकला भट्ट राइका. चौखुटिया अल्मोड़ा तृतीय स्थान पर रहे। लोक वादन मे धर्मेन्द्र चौहान राउमावि अन्ताखेडघ प्रथम, अरविंद सिंह राइका. उत्तरकाशी द्वितीय, हरीश चन्द्र पाण्डेय रागका. गुनिया लेख नैनीताल तृतीय स्थान पर रहे। इस अवसर पर आर के कुंवर, सीमा जौनसारी, तृप्ति भट्ट, रितेश भट्ट, डॉ. आर डी शर्मा, कुलदीप गैरोला, प्रदीप रावत, राय सिंह रावत,समन्वयक डॉ. उषा कटियार व डॉ. शशिशेखर मिश्र उपस्थित रहे।

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