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भगवान शिव के मध्य भाग की यहां होती है पूजा

ऊखीमठ। पंच केदार में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के धाम में 2658 तीर्थ यात्रियों ने पूजा – अर्चना और जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। विगत पांच सालों में इस बार मदमहेश्वर धाम में तीर्थयात्रियों की आमद बढ़ने से मदमहेश्वर घाटी और यात्रा पड़ाव गुलजार बने हुए हैं। श्रावण मास में स्थानीय श्रद्धालुओं के भारी संख्या में मदमहेश्वर धाम पहुंचने की सम्भावना है ।

इस वर्ष मदमहेश्वर धाम में क्षमता से अधिक तीर्थ यात्रियों के पहुंचने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में बढा़वा मिलने के साथ ही मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है। मदमहेश्वर धाम पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से जाना जाता है। मदमहेश्वर धाम में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा होती है। भगवान मदमहेश्वर को न्याय का देवता माना जाता है। रासी गाँव से 16 किमी पैदल तय करने के बाद मदमहेश्वर धाम पहुंचा जा सकता है। मदमहेश्वर धाम सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान है। मदमहेश्वर धाम पहुंचने पर भटके मन को अपार शान्ति मिलती है।

मदमहेश्वर धाम के शीर्ष पर बूढ़ा मदमहेश्वर तीर्थ विराजमान है। यहां से चौखम्बा को अति निकट से दृष्टिगोचर किया जा सकता है। इस बार 19 मई को भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले थे । कपाट खुलने के बाद हरदिन मदमहेश्वर धाम में सैकड़ों तीर्थयात्री पहुंचकर पुण्य अर्जित करने के साथ ही यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू हो रहे हैं। मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिवशंकर लिंग का कहना है कि मदमहेश्वर धाम में पूजा – अर्चना करने और दिव्य दर्शन करने से मनुष्य को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

मन्दिर समिति सुपरवाइजर यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि कपाट खुलने से लेकर जून  माह तक 2 हजार 6 सौ 58 तीर्थ यात्रियों ने भगवान मदमहेश्वर के दर्शन किये है।  मदमहेश्वर धाम के हक – हकूकधारी अभिषेक पंवार ने बताया कि इस वर्ष मदमहेश्वर धाम में क्षमता से अधिक तीर्थयात्री पहुंचने से रासी, गौण्डार, बनातोली, नानौ, खटारा, कूनचटटी, मैखम्भा यात्रा पड़ाव पर रौनक चहलकदमी बनी हुई है।  पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार ने बताया कि विगत दो वर्षों पूर्व वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चार धाम यात्रा प्रभावित होने के मदमहेश्वर घाटी का पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो गया था, मगर इस बार मदमहेश्वर धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों के आवागमन में वृद्धि होने से क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय सुदृढ़ हुआ है।

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