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उत्तराखंड के तीर्थों को मिली बड़ी सौगात, चार प्रमुख तीर्थ स्थलों के पैदल मार्ग होंगे प्रदूषणमुक्त

एनजीटी के आदेश पर सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। यात्रा शुरू होने से पहले एसओपी जारी होगी। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में पर्यटन स्थलों के कूड़ा डंपिंग जोन होंगे। साथ ही घोड़े-खच्चरों की वजह से होने वाली गंदगी से निपटने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाएगी।

प्रदेश सरकार केदारनाथ, यमुनोत्री समेत चार प्रमुख तीर्थ स्थलों के पैदल मार्गों को प्रदूषणमुक्त बनाने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए सरकार जल्द कार्ययोजना तैयार करेगी। 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इससे पहले प्रदेश सरकार इन प्रमुख तीर्थ स्थलों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी।

12 सदस्यीय कमेटी पर होगा दारोमदार

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है। कमेटी में अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव वन, पुलिस महानिदेशक, निदेशक गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, निदेशक वन्यजीव संस्थान देहरादून, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी सदस्य बनाए गए हैं। प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, देहरादून, निदेशक, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड, प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। सदस्य सचिव पीसीबी समिति के नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

समिति की एक बैठक हो चुकी है। इन सभी तीर्थ स्थलों के पैदल मार्गों के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही एसओपी भी जारी की जाएगी। सुशांत पटनायक, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व सदस्य समिति

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