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गोवा, मणिपुर और यूपी में चेहरे तय, उत्तराखंड पर होली के बाद उठेगा पर्दा

मुख्यमंत्री की कुर्सी दौड़ में पुष्कर सिंह धामी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धनसिंह रावत, ऋतु खंडूड़ी, रेखा आर्य, दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी का नाम चर्चाओं में आने के बाद अब स्पीकर अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं।

चार राज्यों में चुनाव के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गोवा, मणिपुर और उत्तरप्रदेश में विधायक मंडल दल के नेता का नाम तय कर दिया है, लेकिन उत्तराखंड पर अब भी सस्पेंस बकरार है। सबकी निगाहें दिल्ली पर लगी हैं।

केंद्रीय नेताओं से मंत्रणा करने के बाद कार्यकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक समेत कई विधायकों के अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में लौट गए हैं। पुष्कर धामी खटीमा पहुंच गए हैं। संगठन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब सीएम के नाम पर बने रहस्य पर से पर्दा होली के बाद ही उठेगा।

स्पीकर अग्रवाल ने भी ठोकी दावेदारी

नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी सीएम पद पर दावेदारी की है। उन्होंने वहां मीडिया में बयान दिया कि वह चार बार के विधायक हैं और दावेदारी करने में कोई हर्ज नहीं है। बाकी पार्टी नेतृत्व को तय करना है। जो भी निर्णय होगा, वह सिर माथे पर होगा।

गोवा और मणिपुर के सीएम तय

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गोवा और मणिपुर के मुख्यमंत्री तय कर दिए। गोवा की कमान फिर से प्रमोद सामंत को दी गई है। मणिपुर की कमान एन बीरेन सिंह संभालेंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों चेहरों को कमान सौंपने की हरी झंडी दिखा दी। उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड में सीएम के चेहरे को लेकर कुछ संकेत साफ कर देगा, लेकिन अभी तक रहस्य बरकरार है।

उत्तराखंड पर अब भी सस्पेंस

लेकिन उत्तराखंड में सीएम का चेहरा कौन होगा, इस रहस्य पर से पर्दा अभी तक नहीं उठ पाया है। सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड में विधायक मंडल दल का नेता कौन होगा, यह तकरीबन तय हो चुका है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व पत्ते होली के बाद ही खोलेगा।

धामी-कौशिक व अन्य विधायकों का लौटना शुरू

केंद्रीय नेताओं के साथ बैठकों में शामिल हुए उत्तराखंड के कार्यकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नई दिल्ली से लौट गए हैं। वह वहां से सीधे खटीमा गए। वहां वे एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद गुरुवार को देहरादून लौटेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के भी बुधवार शाम तक लौटने की सूचना है। पार्टी के जो विधायक केंद्रीय नेताओं की परिक्रमा कर रहे थे, उन्होंने अब अपने चुनाव क्षेत्रों की ओर रुख कर दिया है।

दिनों दिन लंबी हो रही है दावेदारों की सूची

मुख्यमंत्री की कुर्सी दौड़ में शामिल दावेदारों की सूची लंबी होती जा रही है। सूची में कार्यकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धनसिंह रावत, ऋतु खंडूड़ी, रेखा आर्य, दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी का नाम चर्चाओं में आने के बाद अब स्पीकर अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं।

गढ़े जा रहे तर्क, कौन बन सकता है कौन नहीं

इस बीच सियासी हलकों में मुख्यमंत्री कौन बन सकता है और कौन नहीं को लेकर अलग-अलग तर्क गढ़े जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि केवल विधायकों में से ही सीएम होगा, इसलिए गैर विधायकों के नामों पर चर्चा नहीं होगी। इसके ठीक विपरीत यह तर्क दिए जा रहे हैं कि चुनाव पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर लड़ा गया। वह युवा होने के साथ संभावनाओं वाले नेता हैं और उनके पक्ष में कई विधायक भी हैं, इसलिए उन्हें नेता चुना जा सकता है। कोई यह तर्क दे रहा है कि पार्टी इस बार किसी गैर पर्वतीय चेहरे को कमान सौंपकर नया प्रयोग कर सकती है। एक तर्क यह भी है कि पार्टी अपनी पसंद के किसी चेहरे को उतार सकती है।

होली के बाद रहस्य से उठेगा पर्दा

पार्टी के तकरीबन सभी नेता यह कह रहे हैं कि उत्तराखंड में सीएम के चेहरे को लेकर बने रहस्य से पर्दा होली के बाद ही उठेगा। 18 मार्च की होली है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 19 मार्च को सभी पार्टी विधायकों को देहरादून पहुंचने की सूचना जारी होगी। इसी दिन विधायक मंडल की बैठक में नए नेता के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। पार्टी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को नेता का चुनाव कराने के लिए पर्यवेक्षक और केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी को सह पर्यवेक्षक बनाया है जो होली के बाद देहरादून पहुंच जाएंगे।

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