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अब चारधाम यात्रियों को एक लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा

मानव उत्थान सेवा समिति देगी बीमा की सुविधा, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हैं समिति के संस्थापक।

बदरीनाथ, केदारनाथ,  गंगोत्री, यमुनोत्री मंदिर परिसर में मृत्यु होने पर मिलेगी राशि।

देहरादून। बदरीनाथ चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को पहली बार एक लाख का बीमा कवर दिया जा रहा है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर परिसर में यदि यात्री की किसी भी दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु होती है तो मानव उत्थान सेवा समिति के सहयोग से मंदिर समिति बीमा की सुविधा देगी। यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा। सेवा समिति के संस्थापक पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हैं।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मानव उत्थान सेवा समिति के संस्थापक एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों से तीर्थयात्रियों को बीमा कवर की सुविधा मिली है।समिति की ओर से बीमा का प्रीमियम बीमा कंपनी को दे दिया गया है।

बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ.हरीश गौड़ ने बताया कि मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी जोशीमठ, उखीमठ, बड़कोट (यमुनोत्री), भटवाड़ी (गंगोत्री) को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है।

*बाबा केस में जूते-चप्पल पहन कर मंदिर के पास नहीं जा सकेंगे श्रद्धालु*

केदारनाथ में मंदिर परिसर के पास जूते-चप्पल पहनकर जाने पर जल्द रोक लगने जा रही है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है। अभी कई श्रद्धालु नंदी की मूर्ति तक जूते-चप्पल पहन कर पहुंच रहे हैं, इससे केदारनाथ धाम की पवित्रता और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है। वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण से केदारपुरी भव्य व दिव्य रूप ले रही है।  बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु बार जूते चप्पल पहन कर मंदिर के पास तक पहुंच रहे हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर नंदी की मूर्ति स्थापित है, यहां तक श्रद्धालु जूते चप्पल पहन कर चर जाते हैं।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें जूते चप्पलों के साथ मंदिर में प्रवेश लिए एक निश्चित दूरी निर्धारित करने की बात कही गई है। इसके अलावा मंदिर की परिक्रमा के लिए उचित दूरी का सीमांकन करने का आग्रह भी किया गया है।

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