उत्तराखण्ड

कैबिनेट मंत्री जोशी ने बैठक के दौरान दिए निर्देश- चेतावनी के बावजूद सड़कों का निर्माण कार्य शुरू न करने वाले ठेकेदारों को सूची में डाला जाए

ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में स्वीकृत सड़कों के लिए अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा ग्रामीणों को वितरित न होने पर सख्त नाराजगी जताई। पीएमजीएसवाई व ग्राम्य विकास से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में यह मुआवजा क्यों नहीं बंटा।

इस पर अधिकारियों ने बताया कि जिलों को धनराशि भेजी जा चुकी है, लेकिन अमीन न मिलने के कारण दिक्कत आ रही है। मंत्री ने निर्देश दिए कि हर हाल में दो माह के भीतर ग्रामीणों को मुआवजा राशि वितरित की जाए। कैबिनेट मंत्री जोशी ने यह भी निर्देश दिए कि बार-बार चेतावनी के बावजूद सड़कों का निर्माण कार्य शुरू न करने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डाला जाए। साथ ही ऐसे कार्यों के लिए दोबारा टेंडर किए जाएं। अधिकारियों ने मंत्री को अवगत कराया कि ऐसे छह कार्यों के लिए दोबारा टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

विभागीय मंत्री ने आवंटित निर्माण कार्यों को सबलेट करने की परिपाटी पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि राज्य की विषम परिस्थितियों और सर्दी के मौसम में बर्फबारी के कारण पर्वतीय क्षेत्र में कार्य बाधित रहते हैं। इसे देखते हुए सड़क निर्माण कार्यों के लिए तय सितंबर माह की समय सीमा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार में पैरवी की जाए।

उन्होंने डेढ़ सौ से कम आबादी वाले गांवों को भी योजना में शामिल करने और इसके लिए बजट की उपलब्धता के मद्देनजर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

बैठक में अपर सचिव उदयराज सिंह व आरपी सिंह के साथ ही पीएमजीएसवाई और ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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