Uncategorizedउत्तरप्रदेशधर्म-संस्कृति

अयोध्‍या: राम मंदिर का क्षेत्रफल यात्री सुविधाओं के लिए बढ़ा, संशोधित मानचित्र को मिली मंजूरी

अयोध्‍या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर परिसर में यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए परिसर का दायरा बढ़ा दिया है। पहले की तुलना में मंदिर का क्षेत्रफल अब चार हजार तीन सौ 45 वर्ग मीटर अधिक होगा। इस बढ़े क्षेत्रफल पर अधिकृत निर्माण की अनुमति मिल गई है। ट्रस्ट ने इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के समक्ष संशोधित मानचित्र का आवेदन किया था, जिसे प्राधिकरण बोर्ड ने पिछले दिनों स्वीकृति प्रदान कर दी है।

मानचित्र संबंधित कुछ अन्य औपचारिकताएं पूरी होते ही राम मंदिर का संशोधित मानचित्र निर्गत हो जाएगा। ट्रस्ट ने पहले राम मंदिर के मानचित्र के लिए दो लाख 74 हजार 110 वर्गमीटर भूमि पर निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृति का आवेदन किया था। बाद में ट्रस्ट ने परिसर के आकार को वर्गाकार या आयताकार करने के लिए मंदिर के गर्भगृह की पूर्वोत्तर दिशा में कुछ भूखंड खरीदे। अब राम मंदिर परिसर पूरी तरह वर्गाकार हो गया है। इस भूमि की खरीदारी के बाद ट्रस्ट ने दो लाख 78 हजार 455.137 वर्गमीटर (69.17 एकड़) भूमि पर निर्माण के लिए संशोधित मानचित्र दाखिल किया था।

विस्तारित क्षेत्रफल पर यात्री सुविधा केंद्र, यात्री उपयोगिता केंद्र, पांच सौ व्यक्ति की क्षमता वाला सत्संग प्रेक्षागृह, अतिथि गृह, पुस्तकालय, शोधकेंद्र, म्यूजियम, ट्रस्ट साइट आफिस, प्रशासनिक भवन, सुरक्षा केंद्र, यज्ञशाला, अनुष्ठान मंडल, गौशाला, संत निवास, ध्यानकेंद्र, सुरक्षा वाचटावर, फायर पोस्ट, शौचालय, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। इस समय राम मंदिर एवं परकोटा का निर्माण कार्य हो रहा है। ट्रस्टी डा.अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि राम मंदिर परिसर अब वर्गाकार हो गया है। बढ़े क्षेत्रफल पर भी निर्माण होगा।

एक और यज्ञ से अभिषिक्त हुई प्राचीन यज्ञ भूमि : रामनगरी के ईशानकोण पर 20 किलोमीटर दूर जिस मख भूमि पर युगों पूर्व श्रीराम और उनके भाइयों के लिए श्रृंगी ऋषि ने यज्ञ किया था, वह मखभूमि बुधवार को एक और यज्ञ से अभिषिक्त हुई। श्रीराम की विरासत से जुड़े अनेक पौराणिक स्थलों को संरक्षित कर रहे दशरथ महल पीठाधीश्वर बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य के संयोजन में प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी मख भूमि पर नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ की पूर्णाहुति युगों पूर्व का प्रसंग जीवंत करने वाली रही।

यद्यपि तब श्रीराम और उनके भाइयों जैसे यशस्वी पुत्र की कामना से राजा दशरथ ने यज्ञ किया था और इस बार दशरथमहल पीठाधीश्वर ने श्रीराम जैसे दिव्य संस्कारों वाली संतति और पीढ़ी के लिए यज्ञ किया। नौ दिनों तक श्रीराम के लाखों मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ कुंड में दिव्य द्रव्यों और वनस्पतियों की आहुति की पूर्णाहुति करने के लिए बिंदुगाद्याचार्य के साथ बड़ी संख्या में रामनगरी के संत एवं दूर-दराज तक के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button