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Breast cancer से लड़ रही एक्ट्रेस छवि मित्तल रोजाना सुबह पीती हैं इस पेड़ के पत्तों का पानी, बताया-कैंसर के इलाज में सहायक

 टीवी एक्ट्रेस छवि मित्तल (Chhavi Mittal) में भी ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था और वो फिलाहल इलाज के दौर से गुजर रही हैं। हाल ही में एक वीडियो में उन्होंने एक खास तरह के पेड़ के पत्ते के बारे में बात की है जिसमें कैंसर रोधी गुण होते हैं। वो रोजाना सुबह इन पत्तों को उबालकर पीती हैं।

एक्ट्रेस छवि मित्तल (Chhavi Mittal) में भी ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था और वो फिलाहल इलाज के दौर से गुजर रही हैं। जब से छवि को ब्रेस्ट कैंसर का पता चला है, तव से वो लगातार इससे जुड़ी बातें और अपने अनुभव सबसे शेयर करती रहती हैं। वो अपने पर्सनल व्लॉग और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए कैंसर निदान और सर्जरी के बाद के अपने जीवन के बारे में बात करती हैं। हाल ही में एक वीडियो में उन्होंने एक खास तरह के पेड़ के पत्ते के बारे में बात की है जिसमें कैंसर रोधी गुण होते हैं। वो रोजाना सुबह इन पत्तों को उबालकर पीती हैं। चलिए जानते हैं कि यह पत्ते कैंसर के इलाज में कितने प्रभावी हैं और इनका कैसे इस्तेमाल किया जाता है।

किस पत्ते में हैं कैंसर से लड़ने वाले गुण?

छवि मित्तल ने अपने वीडियो में जिन पत्तों के बारे में बात की है, वो लक्ष्मी तरु के पत्ते (lakshmi taru) हैं। इन्हें सिमरूबा (Simaruba) भी कहा जाता है। सिमरूबा नाम शायद इसके वैज्ञानिक नाम सिमरौबा अमारा (Simarouba amara) से आया है। इसे पैराडाइज ट्री (Paradise tree) भी कहते हैं। यह पेड़ दक्षिण और मध्य अमेरिका में पाया जाता है।

लक्ष्मी तरु के पत्ते कैंसर का इलाज में सहायक

बताया जाता है कि भारत में 1960 के दशक में लक्ष्मी तारू को लेकर शोध हुए हैं। यह पौधा काफी हद तक करी पत्ते के पौधे जैसा दिखता है। लक्ष्मी तरु पौधे की पत्तियों और तने का व्यापक रूप से कैंसर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है और कहा जाता है कि यह इसे ठीक करता है। इस पौधे के कुछ हिस्सों का सेवन करने से इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत बनता है। यह भी माना जाता है कि ये पत्ते कैंसर रोगियों में कीमोथेरेपी के प्रभाव को कम करते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इस बात को लेकर पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं।

लक्ष्मी तरु पत्तों के फायदे

विभिन्न शोधकर्ताओं के अनुसार, लक्ष्मी तरु के पौधे के हर हिस्से में औषधीय गुण होते हैं। इस पौधे का पानी मॉइस्चराइजेशन में सुधार करता है। इसके तेल के अर्क में ओलिक एसिड और अन्य फैटी एसिड गुण होते हैं। इस पौधे की छाल का उपयोग मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है। ब्राजील में पौधे के अर्क का उपयोग दस्त में किया जाता है। इस पौधे की छाल का उपयोग बुखार, मलेरिया, पेट और आंत्र विकारों के इलाज के लिए किया जा सकता है। इस पौधे के फलों के गूदे और बीजों में एनाल्जेसिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल, स्टमक टॉनिक जैसे गुण होते हैं।

लक्ष्मी तरु के पत्तों का सेवन कैसे किया जाता है?

कैंसर के लिए इन पत्तों को कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इसे लेकर डॉक्टर की कोई सलाह नहीं है लेकिन जो लोग इस पौधे के औषधीय महत्व में विश्वास करते हैं, वे आमतौर पर छाल और पत्तियों को रोग के आधार पर उबालकर पीते हैं। आपको इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

लक्ष्मी तरु के पत्तों का अधिक मात्रा में सेवन करना उल्टी और मतली का कारण बन सकती है। पत्तियों या छाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति को अधिक पसीना भी आ सकता है। इस पौधे के अर्क का अधिक मात्रा में सेवन करने के बाद भी पेशाब में वृद्धि हो सकती है।

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