कोरोना के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य सचिव ने पांच राज्यों को पत्र लिखा, सावधानी बरतने के निर्देश
नई दिल्ली। देश में कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना की बढ़ती पाजिटिविटी रेट और मामलों पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और मिजोरम को पत्र लिखा है।केंद्र को कोरोना के आंकड़े देर से भेजने के आरोपों को केरल ने किया खारिजकेरल सरकार ने मंगलवार को इन आरोपों को खारिज किया कि उसकी तरफ से केंद्र को प्रतिदिन कोरोना से संबंधित आंकड़े नहीं भेजे जाते। केरल ने यह भी कहा कि इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा अभियान भी निंदनीय है। सोमवार को केंद्रीय संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने केरल के प्रधान स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर कोरोना संबंधी आंकड़े प्रतिदिन भेजने को कहा था।
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा था कि ऐसा देखा गया है कि केरल सरकार कोरोना संबंधी आंकड़े पांच दिन के अंतराल पर देती है, जिससे महामारी से जुड़े आंकड़े, जैसे संक्रमण के मामले, मृतकों की संख्या और संक्रमण की दर, थोड़ा आगे-पीछे हो जाते हैं। इस प्रतिक्रिया देते हुए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जार्ज ने कहा कि बिना किसी चूक के राज्य सरकार की ओर से केंद्र को निर्धारित प्रारूप में कोरोना के आंकड़े दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल आंकड़ों को छिपाया नहीं जा सकता। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि केंद्रीय संयुक्त स्वास्थ्य सचिव की तरफ से राज्य के प्रधान स्वास्थ्य सचिव को भेजा गया पत्र पहले ही मीडिया के पास पहुंच गया।
राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक होगी। इसमें कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा होगी। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा सकते हैं। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस आशय की पुष्टि करते हुए कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में होगी।बैठक में कोविड की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत सहित तमाम अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में जरूरत के अनुरूप ही उचित कदम उठाने का निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, माह की शुरुआत में डीडीएमए द्वारा 500 रुपये का जुर्माना वापस लेने के बाद दिल्ली में लोगों द्वारा मास्क का उपयोग काफी कम हो गया है। ऐसे में बैठक के दौरान दिल्ली में अनिवार्य रूप से मास्क के उपयोग के सख्त कार्यान्वयन के लिए फिर से जुर्माना लगाने पर चर्चा होने की संभावना है।