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मुख्यमंत्री धामी ने 1456 अभ्यर्थियों को सौंपे नियुक्ति पत्र

लोक सेवा आयोग से 109 और अधीनस्थ चयन आयोग से 1347 अभ्यर्थियों को मिली नियुक्ति

मुख्यमंत्री ने सभी नवचयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह अवसर न केवल उनके जीवन का एक अहम पड़ाव है, बल्कि राज्य के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम भी है। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त कर्मचारी निष्ठा, पारदर्शिता और समर्पण के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करें।

सीएम धामी ने कहा कि सचिवालय राज्य शासन का मस्तिष्क है, जहां नीतियां और विकास की रूपरेखा तैयार होती है। इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने में समीक्षा अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वहीं, अध्यापक बच्चों के भविष्य के निर्माता हैं — उन्हें केवल ज्ञान नहीं, बल्कि समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी छात्रों में जगानी होगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिजिटलाइजेशन तक हर स्तर पर सुधार किए जा रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए भी कई ठोस कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में राज्य में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है — यह संख्या पूर्ववर्ती सरकारों के कुल आंकड़ों से दोगुनी है। हाल ही में हरिद्वार में परीक्षा में नकल के मामले पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की, आरोपी को गिरफ्तार कर एसआईटी गठित की और सीबीआई जांच की संस्तुति के साथ पेपर निरस्त करने का निर्णय लिया।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग में नियुक्तियों का सिलसिला जारी है। शीघ्र ही बीआरपी, सीआरपी, बेसिक अध्यापकों और चतुर्थ श्रेणी पदों पर भी नियुक्तियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि सभी अध्यापकों को प्रारंभ में दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देनी होगी।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक विनोद चमोली, सचिव रविनाथ रमन, दीपेंद्र चौधरी और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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