राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य निभाते हुए अदम्य साहस और असाधारण वीरता का प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार को सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों के कर्मियों को आठ कीर्ति चक्र प्रदान किए, जिनमें से पांच मरणोपरांत दिए गए हैं। कीर्ति चक्र शांतिकाल में दिया जाने वाला भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मियों को 29 शौर्य चक्र भी प्रदान किए, जिनमें पांच मरणोपरांत शामिल हैं।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में कांस्टेबल (जीडी) सुदीप सरकार, जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल (एसजी) रोहित कुमार और छत्तीसगढ़ सरकार के एक सब इंस्पेक्टर और दो हेड कांस्टेबल को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन ने बाद में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर समारोह की तस्वीरें भी साझा कीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय राइफल्स की 62वीं बटालियन के डोगरा रेजिमेंट के मेजर शुभांग को कीर्ति चक्र प्रदान किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बडगाम में एक अभियान के दौरान गोली लगने के बावजूद असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया और एक आतंकवादी को मार गिराया।
मंत्रालय ने कहा कि वीरता पुरस्कार विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण का प्रदर्शन करने के लिए दिए गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के हेड कांस्टेबल श्रवण कश्यप को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) प्रदान किया। उन्होंने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया और छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक अभियान के दौरान नक्सलियों से लड़ते और उन्हें मारते हुए राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
शौर्य चक्र (मरणोपरांत) पाने वालों में राइफलमैन औरंगजेब, जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री, 44वीं बटालियन, राष्ट्रीय राइफल्स शामिल हैं। शौर्य चक्र (मरणोपरांत) के इस पुरस्कार की घोषणा 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर की गई थी। राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही कर्ण वीर सिंह (राजपूत रेजिमेंट) और गनर जसबीर सिंह (रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी) भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।