महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित, 454 सांसदों ने पक्ष और दो ने विरोध में वोट किया

नई दिल्ली: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित हुआ। 454 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 2 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया। विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
27 महिला सदस्यों ने लिया बहस में हिस्सा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं।
जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए: राहुल
इससे पहले विधेयक पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को आज पारित कीजिए और लागू कीजिए। परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। सीधे 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दे दीजिए। आप जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए। अगर आपने जारी नहीं किए तो हम जारी कर डालेंगे।‘हम विधेयक को फंसने नहीं देंगे, पक्का प्रबंध कर रहे हैं’
इस पर केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष से कहा कि क्या आप चाहते हैं कि तुरंत दे दें और सुप्रीम कोर्ट में मामला फंस जाए, लेकिन तकनीकी बातें हैं। इस विधेयक को हम अब फंसने नहीं देंगे। महिलाओं को इंतजार नहीं करना पड़े, इसका पक्का प्रबंध कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि लोग जनहित याचिकाएं लगाएं। उनके पास न तो नीति थी, न नीयत थी, न नेतृत्व था। हमारे पास नीति भी है, नीयत भी है और मोदी जी जैसा नेतृत्व भी है।
इससे पहले विधेयक पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को आज पारित कीजिए और लागू कीजिए। परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। सीधे 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दे दीजिए। आप जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए। अगर आपने जारी नहीं किए तो हम जारी कर डालेंगे।‘हम विधेयक को फंसने नहीं देंगे, पक्का प्रबंध कर रहे हैं’
इस पर केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष से कहा कि क्या आप चाहते हैं कि तुरंत दे दें और सुप्रीम कोर्ट में मामला फंस जाए, लेकिन तकनीकी बातें हैं। इस विधेयक को हम अब फंसने नहीं देंगे। महिलाओं को इंतजार नहीं करना पड़े, इसका पक्का प्रबंध कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि लोग जनहित याचिकाएं लगाएं। उनके पास न तो नीति थी, न नीयत थी, न नेतृत्व था। हमारे पास नीति भी है, नीयत भी है और मोदी जी जैसा नेतृत्व भी है।
कांग्रेस की ज्योतिमणि के इस कटाक्ष पर कि दलित महिलाएं पानी को तरसती थीं, मेघवाल ने कहा कि उस वक्त शासन किसका था, उन्हें खुद सोचना चाहिए था, लेकिन अब तो मोदी सरकार ने ‘हर घर-नल जल’ की व्यवस्था कर दी है। इससे पहले मेघवाल ने लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
तो आरक्षण लागू कब से होगा, अमित शाह ने दे दिए संकेत
शाह ने कहा, ”सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने भूमिका बनाना शुरू कर दी है कि इसे समर्थन मत करो क्योंकि परिसीमन की बात कही जा रही है। इसका समर्थन मत करो क्योंकि मुस्लिम आरक्षण नहीं है। …मेरा उनसे कहना है कि समर्थन नहीं करोगे तो क्या जल्दी आरक्षण आ जाएगा? तब भी तो 2029 के बाद आएगा। एक बार श्रीगणेश तो करो। गणेश चतुर्थी के दिन यह विधेयक आया है। एक बार शुरुआत तो करो।”
शाह ने कहा, ”सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने भूमिका बनाना शुरू कर दी है कि इसे समर्थन मत करो क्योंकि परिसीमन की बात कही जा रही है। इसका समर्थन मत करो क्योंकि मुस्लिम आरक्षण नहीं है। …मेरा उनसे कहना है कि समर्थन नहीं करोगे तो क्या जल्दी आरक्षण आ जाएगा? तब भी तो 2029 के बाद आएगा। एक बार श्रीगणेश तो करो। गणेश चतुर्थी के दिन यह विधेयक आया है। एक बार शुरुआत तो करो।”